112 कलाकारों ने परंपरागत लोक वाद्य यंत्र बजाकर बनाया विश्व रेकार्ड
अहमदाबादPublished: Nov 12, 2021 10:27:18 pm
महेसाणा. जिले के वडनगर में ताना-रीरी महोत्सव
महेसाणा. जिले के वडनगर में ताना-रीरी समाधि स्थल पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ताना-रीरी महोत्सव में शुक्रवार को तुरी, बारोट व नायक समाज के 112 भवाई कलाकारों ने 5 मिनट तक परंपरागत लोक वाद्य भूंगल का सामूहिक वादन कर विश्व रेकार्ड बनाया।
ताना-रीरी गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में बलदेव नायक व गौरव पुरस्कार प्राप्त मुगटराम के नेतृत्व में वादन के दौरान सह संयोजक डाह्याभाई नायक थे। कलाकारों ने सामूहिक लय में भूंगल से शिव शक्ति की सलामी, गरज स्वर में राग प्रस्तुत किया। कलाकारों ने ऊंचे स्वर में तिहाई भी बजाई गई।
चलती के तबले में ताल, हींच का ताल और पाघरूं के ताल में भूंगल बजाकर विश्व रेकार्ड बनाया। संगीत नाटक अकादमी के पंकज भट्ट, वल्र्ड रेकार्ड इंडिया व जिनियस फाउंडेशन के अध्यक्ष पावक सोलंकी भी मौजूद थे। हिम्मतनगर के गौरव पुरस्कार प्राप्त भरत व्यास ने संचालन किया। गौरतलब है कि महोत्सव में इससे पहले आठ विश्व रेकार्ड बन चुके हैं। 13वीं शताब्दी में असाइत ठाकरे ने भवाई के साथ भूंगल बजाकर मनोरंजन के लिए प्रचार शुरू किया था।