ईडब्ल्यूएस से रिक्त सीटों का आंकड़ा बढ़ा, विद्यार्थियों को फायदा
ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू होने के चलते जीयू में बीकॉम, बीबीए, बीसीए कोर्स में २५ प्रतिशत सीटें बढ़ गईं। इसका फायदा विद्यार्थियों को हुआ है। उन्हें अच्छे कॉलेजों में ज्यादा सीटें उपलब्ध होने के चलते अच्छी कॉलेज में प्रवेश मिल गया। इसके चलते रिक्त रहने वाली सीटों का आंकड़ा भी १५ हजार के करीब पहुंच गया है। जो बीते वर्ष की तीन चरणों की प्रवेश प्रक्रिया के बाद करीब दो से तीन हजार ही रहता था। इस साल ईडब्ल्यूएस के चलते करीब ९३२३ सीटें बढ़ी हैं। जो बीते वर्ष करीब ३७ हजार २९० ही थीं।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू होने के चलते जीयू में बीकॉम, बीबीए, बीसीए कोर्स में २५ प्रतिशत सीटें बढ़ गईं। इसका फायदा विद्यार्थियों को हुआ है। उन्हें अच्छे कॉलेजों में ज्यादा सीटें उपलब्ध होने के चलते अच्छी कॉलेज में प्रवेश मिल गया। इसके चलते रिक्त रहने वाली सीटों का आंकड़ा भी १५ हजार के करीब पहुंच गया है। जो बीते वर्ष की तीन चरणों की प्रवेश प्रक्रिया के बाद करीब दो से तीन हजार ही रहता था। इस साल ईडब्ल्यूएस के चलते करीब ९३२३ सीटें बढ़ी हैं। जो बीते वर्ष करीब ३७ हजार २९० ही थीं।
४६ हजार में से १५ हजार सीटें रहीं खाली
बीकॉम, बीबीए, बीसीए, एमएससी आईटी कोर्स की कुल ४६ हजार सीटों में से दो चरणों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद १५ हजार सीटें खाली रही हैं। इस वर्ष ३३ हजार छह सौ विद्यार्थियों ने प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, जिन्हें प्रवेश देने के बाद की यह स्थिति है। सबसे ज्यादा सीटें बीकॉम में 12 हजार आठ सौ के करीब खाली हैं। कई सरकारी और अनुदानित कॉलेजों की भी सीटें खाली रही हैं।
-प्रो.एच.सी.सरदार, संयोजक, प्रवेश समिति, जीयू