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१८ फीट ऊंची गणपति की इको-फ्रेंडली प्रतिमा

locationअहमदाबादPublished: Sep 11, 2018 03:36:31 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

जामनगर के भोईराज मित्र मंडल हर वर्ष बनाता है इकोफ्रेंडली प्रतिमा, डेढ़ महीने से कर रहे हैं तैयार

Eco-friendly Ganpati

१८ फीट ऊंची गणपति की इको-फ्रेंडली प्रतिमा

जामनगर. शहर के भोईराज मित्र मंडल की ओर से इस बार भगवान गणेश की १८ फीट ऊंची इको-फ्रेंडली प्रतिमा तैयार की जा रही है। मंडल की ओर से एक-डेढ़ महीने से प्रतिमा निर्माण का काम जारी है।
मंडल की ओर से पिछले तीन वर्षों से इकोफ्रेंडली प्रतिमा तैयार की जाती है। इस बार भी इको-फ्रेंडली प्रतिमा तैयार की जा रही है। इसे पूरा करने में करीब एक-डेढ़ महीने का समय लगता है। मंडल के ८-१० सदस्य प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं।
इस प्रतिमा को तैयार करने में बांस की लकड़ी, पुट्ठा, सुतली, वाटर कलर, थर्मोकोल आदि वस्तुओं का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब १७ से १८ फीट है, जो जिले में सबसे ऊंची प्रतिमा होने का दावा मंडल की ओर से किया गया है।
मंडल के सदस्य मितेश दाउदिया के अनुसार जामनगर के हरिदास जीवणदास लाल (बाबूभाई लाल) चेरीटेबल ट्रस्ट के ट्रस्ट व जामनगर महानगरपालिका की ओर से इको-फ्रेंडली प्रतिमा तैयार करने के लिए जागरुकता फैलाई जा रही है। ऐसे में मंडल ने जागरुकता के हिसाब से यह प्रतिमा तैयार करने का निर्णय लिया है। मंडल के सदस्य धर्मेश जेठवा, चिंतन वारा, उदित वारा, पुनीत वारा, हितार्थ वारा, भव्य जाडेजा, गौरव राठौड़, धवल राठौड़, अक्षय वारा, धर्मेश दाउदिया आदि सदस्य प्रतिमा बनाने में योगदान एवं समय दे रहे हैं। पेंटिंग की जिम्मेदारी सागर मेहता को सौंपी गई है।
वड़तालधाम में ११११ यजमानों ने की सामूहिक महापूजा
आणंद. खेड़ा जिले की नडियाद तहसील के वड़ताल स्थित स्वामीनारायण मंदिर में रविवार को आयोजित सामूहिक महापूजा में एक साथ एक हजार एक सौ ग्यारह यजमानों ने भाग लिया।
वड़लात में समूह में पहली बार महापूजा की गई है। पुरोहित धीरेनभाई भट्ट ने शास्त्रोक्त रूप से पूजाविधि की। इस मौके पर तुलसीदर की ओर से रोजाना ८ घंटे का पूजन करने वाले ११ ब्राह्मणों का मुख्य कोठारी घनश्यामप्रकाश दास स्वामी, नौतमप्रकाश दास स्वामी, घनश्यान स्वामी (सारंगपुरवाळे), गोविंदस्वामी मेतपुरवाले आदि संत व घनश्याम खांधलीवाळा, संजयभाई ट्रस्टी आदि ने सम्मान किया। नौतम स्वामी ने महापूजा के बारे में विस्तार से बताया, जबकि कोठारी घनश्याम स्वामी ने वड़ताल की महिमा का वर्णन किया और हिंडोळा उत्सव में सेवा देने वाले ४० गांवों के ८०० स्वयं सेवकों की सेवा की सराहना की।
महापूजा की महिमा :
मंदिर के डॉ. संत स्वामी के अनुसार स्वामीनारायण संप्रदाय में महापूजा की बड़ी महिमा है। श्री हरि की प्रसन्नता के लिए व श्रेय एवं आत्मकल्याण और इच्छित मनोकामना पूर्ण करने के लिए सदगुरु अखंडानंद ब्रह्मचारी की ओर से महापूजा की विधि की रचना की गई है। संप्रदाय में सर्वप्रथम जूनागढ़ स्वामीनारायण मंदिर में १७५ वर्ष पूर्व सद्गुरु गोपालानंद स्वामी ने महापूजा की थी। मांगलिक प्रसंगों के निर्विघ्न पूर्ण करने व व्याधि के निवारण के लिए महापूजा का आयोजन किया जाता है।

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