world veterinary day
गुजरात में लगभग साढ़े चार वर्ष मेंं पशुओं के इमरजेंसी उपचार के लिए कुल 749470 कॉल किए जा चुके हैं। इनमें से 406228 मामलों में एम्बुलेंस को डिस्पेच किया गया। इनमें सबसे अधिक अहमदाबाद जिले में 48781 पशुओं का निशुल्क उपचार किया। इसके अलावा सूरत जिले में 46490 , वडोदरा 30237 पशुओं का निशुल्क उपचार किया गया। इन पशुओं में सबसे अधिक 11884 श्वानों को पीड़ा मुक्त किया गया, यह सभी श्वान ऐसे हैं जो पालतू नहीं हैं। राज्य में सुबह आठ से शाम रात आठ बजे तक कार्यरत 1962 एम्बुलेंस की संख्या 37 है।
गुजरात में लगभग साढ़े चार वर्ष मेंं पशुओं के इमरजेंसी उपचार के लिए कुल 749470 कॉल किए जा चुके हैं। इनमें से 406228 मामलों में एम्बुलेंस को डिस्पेच किया गया। इनमें सबसे अधिक अहमदाबाद जिले में 48781 पशुओं का निशुल्क उपचार किया। इसके अलावा सूरत जिले में 46490 , वडोदरा 30237 पशुओं का निशुल्क उपचार किया गया। इन पशुओं में सबसे अधिक 11884 श्वानों को पीड़ा मुक्त किया गया, यह सभी श्वान ऐसे हैं जो पालतू नहीं हैं। राज्य में सुबह आठ से शाम रात आठ बजे तक कार्यरत 1962 एम्बुलेंस की संख्या 37 है।
जीवीके ईएमआरआई संस्था के मुख्य परिसंचालन अधिकारी जशवंत प्रजापति के अनुसार 1962 करुणा एनिमल एम्बुलेंस सेवा तथा प्रति दस गांवों के बीच एक पशु अस्पताल काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। चलते फिरते अस्पतालों से दो वर्षों में ही 140525 पशुओं को इमरजेंसी में उपचार दिया जा चुका है। जरूरत होने पर ये अस्पताल गांवों और खेतों तक पहुंचकर 2797158 पशुओं का उपचार किया है। इनके माध्यम से 71 हजार से अधिक पशुओं की सर्जरी भी की गई है।
प्रति 10 गांवों के लिए चलता फिरता एक पशु अस्पताल
राज्य के पशुपालकों की समस्या को ध्यान में रखकर राज्य सरकार की ओर से 22 जून 2020 को प्रति दस गांव के आधार पर एक चलता फिरता पशु अस्पताल शुरू किया गया है। राज्य भर में इन अस्पतालों की संख्या 460 हो गई है, जिनके माध्यम से 5291 गांवों के बीमार पशुओं का उपचार किया जा रहा है। इन चलते फिरते अस्पतालों से न सिर्फ पालतू पशुओं का उपचार किया जाता है बल्कि गांवों में घूमने वाली कुत्ते, बिल्ली व अन्य वन्य प्राणियों का उपचार भी किया जाता है।
राज्य के पशुपालकों की समस्या को ध्यान में रखकर राज्य सरकार की ओर से 22 जून 2020 को प्रति दस गांव के आधार पर एक चलता फिरता पशु अस्पताल शुरू किया गया है। राज्य भर में इन अस्पतालों की संख्या 460 हो गई है, जिनके माध्यम से 5291 गांवों के बीमार पशुओं का उपचार किया जा रहा है। इन चलते फिरते अस्पतालों से न सिर्फ पालतू पशुओं का उपचार किया जाता है बल्कि गांवों में घूमने वाली कुत्ते, बिल्ली व अन्य वन्य प्राणियों का उपचार भी किया जाता है।