वर्ष 2022-23 के इस बैच में इंजीनियर के साथ-साथ टीचर, शेफ, डॉक्टर, आईटी प्रोफेशनल, सॉफ्टवेयर डवलपर, आर्किटेक्ट और फिल्म मेकर भी शामिल हैं। शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स, मैन्यूफैक्चरिंग, डिफेंस एंड सिक्युरिटी क्षेत्र में काम कर चुके लोग भी इस बैच का हिस्सा हैं।
ट्यूशन बिना आईआईएमए में पाया प्रवेश
उत्तरप्रदेश में प्रयागराज की रहने वालीं कोमल अग्रवाल ने 2016 में एमबीए करने का सपना देखा था। उस वर्ष उन्होंने जीमैट दिया था, लेकिन तब सपना पूरा नहीं हो सका। इस बीच उनका विवाह हो गया। 8 वर्षों तक कई कंपनियों में आईटी पेशेवर के रूप में काम करने के दौरान वे रात को जीमैट की तैयारी करती थीं। अब 2022 में आकर आईआईएम-ए जैसे संस्थान से एमबीए करने का सपना पूरा होगा। उन्होंने बताया कि बिना ट्यूशन के भी आईआईएम-ए जैसे संस्थान में प्रवेश संभव है। निरंतर प्रयास और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। उनके पिता राजस्थान के अजमेर से हैं।
कोमल बताती हैं कि वे मां भी हैं, उनके 11 महीने का एक पुत्र आद्विक है। वे आगे चलकर आईटी क्षेत्र में लीडरशिप की भूमिका में भविष्य बनाना चाहती हैं। स्टार्टअप भी विकल्प हो सकता है। इन दिनों वे पुत्र की चिंता करते हुए प्रबंधन के गुर सीखने में व्यस्त हैं।
विविधता से भरपूर है इस साल का बैच
पीजीपीएक्स का इस साल का बैच शैक्षणिक और व्यावसायिक पृष्ठभूमि के लिहाज से विविधता से भरपूर है। छात्राओं की भी अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में यह विविधता सीखने और क्लासरूम में होने वाली चर्चा को और समृद्ध बनाने में मददगार होगी।
-प्रो.विश्वनाथ पिंगली, अध्यक्ष, पीजीपीएक्स