ऑनलाइन ऋण देने वाली कंपनी को लगाई २४ लाख की ठगी
अहमदाबादPublished: Nov 23, 2018 10:48:34 pm
घर-ऑफिस का वेरिफिकेशन करने वाले कर्मचारी पर ही आरोप,वस्त्रापुुर थाने में दो ठगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी
ऑनलाइन ऋण देने वाली कंपनी को लगाई २४ लाख की ठगी
अहमदाबाद. ऑनलाइन पर्सनल, कॉमर्शियल एवं र्मोगेज लोन देने वाली कंपनी में फर्जी दस्तावेज पेश करके पांच लोगों के नाम पर २४ लाख रुपए से अधिक की लोन पास करवाके कंपनी के साथ ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। ठगी करने वालों में एक आरोपी इसी कंपनी में ऋण के लिए आवेदन करने वाले लोगों के घर-ऑफिस जाकर उसका वेरिफिकेशन करने वाली कंपनी का कर्मचारी रह चुका है। दो लोगों के विरुद्ध कंपनी की ओर से वस्त्रापुर थाने में शुक्रवार को नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
नारणपुरा निवासी मृगेश झाला (४०) ने वटवा गांव निवासी जतिन सोनारा और शाहीबाग देवजीपुरा निवासी कमलेश उर्फ लालो डी दवे व अन्य के विरुद्ध ठगी व विश्वासघात का मामला दर्ज कराया है।
दोनों पर आरोप है कि इन दोनों ने मृगेश झाला की ऑनलाइन ऋण देने वाली कंपनी फ्लूट्रोन इंडिया में अलग अलग लोगों के नाम के फर्जी कागजात, फोटो, एकाउंट की डिटेल पेश करके उसके जरिए २४ लाख रुपए की लोन मंजूर करवा ली।
ठगी का पता उस समय चला जब लोन मंजूर होने के बाद ज्यादातर लोगों की ओर से ऋण के हफ्ते नहीं भरे गए। जांच कराई तो पता चला कि दूधेश्वर निवासी पार्वतीबेन राठौड़ के नाम पर जो पांच लाख रुपए की लोन ली गई है। उनसे पता चला कि कमलेश ऊर्फ लालो दवे ने पार्वतीबेन के पास से दस्तावेज लेकर लोन पास कराई फिर मंजूर हुई लोन की राशि ब्लेक चेक के जरिए पार्वतीबेन को ना देकर खुद निकाल ली। इस बाबत पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत दी गई है।
कौशिक परमार के नाम पर मंजूर हुई चार लाख ८३ हजार रुपए की लोन को वटवा निवासी जतिन सोनारा ने कौशिकभाई के दस्तावेज पेश करके खुद पास कराई है। कौशिकभाई ने लोन के लिए आवेदन नहीं किया था। जतिन सोनारा पहले रिद्धि कोर्पोरेशन नाम की सीपीवी एजेंसी में काम करता था। उसी एजेंसी के पास से झाला की कंपनी ऑनलाइन लोन लेने के लिए आवेदन करते उनके घर व ऑफिस का फिजीकल वेरिफिकेशन कराने का काम करती थी।
ऐसा करके इन दोनों लोगों ने व अन्य लोगों ने फर्जी दस्तावेज व कागजात पेश करके बैंक से अलग अलग व्यक्तियों के नाम पर २४ लाख रुपए की लोन मंजूर करवाई और उसके हफ्ते की भरपाई नहीं करके कंपनी के साथ विश्वासघात व ठगी की गई है।