भटनागर पिता-पुत्रों व अन्य के खिलाफ आरोपपत्र पेश
अहमदाबादPublished: Jul 13, 2018 09:38:08 pm
-सीबीआई ने पेश किए 19 हजार पेज से ज्यादा के आरोपपत्र व अन्य दस्तावेज
-बैंकों के साथ 2654 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला
भटनागर पिता-पुत्रों व अन्य के खिलाफ आरोपपत्र पेश
अहमदाबाद. सीबीआई ने बैंकों के साथ 2654 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में वडोदरा के डीपीआईएल फर्म के तीन निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ अहमदाबाद स्थित विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष शुक्रवार को आरोपपत्र पेश किया।
19 हजार पेज से ज्यादा के आरोपपत्र व अन्य दस्तावेज में जांच एजेंसी ने डीपीआईएल कंपनी के मालिक सुरेश भटनागर व उनके दो निदेशक पुत्रों-अमित और सुमित भटनागर, बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन एजीएम वी.वी. अग्निहोत्री और तत्कालीन डीजीएम पी. के. श्रीवास्तव व दो अन्य को आरोपी बनाया है।
इन आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, विश्वासघात, ठगी सहित भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इससे पहले सीबीआई ने गत अप्रेल महीने में डीपीआईएल संचालकों व अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद डीपीआईएल संचालकों के कार्यालय, आवास, फैक्ट्री सहित कई स्थलों पर छापे मारे गए थे। इन पर बैंकों को २६५४ करोड़ रुपए की चपत लगाने का आरोप है। भटनागर पिता-पुत्रों को राजस्थान के उदयपुर से गत 17 अप्रेल को गिरफ्तार किया गया था।
इसमें आरोप है कि कंपनी के संस्थापक, एमडी व संयुक्त निदेशक ने फर्जी दस्तावेज, कागजात और एकाउंट की जानकारी तैयार कर इसके जरिए ११ बैंकों के कंसोर्टियम से वर्ष २००८ से ऋण लिया। जून २०१६ के तहत यह ऋण २६५४.४० करोड़ रुपए का बताया गया है। इस कंसोर्टियम में बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, ईलाहाबाद बैंक, एक्सिस बैंक, देना बैंक, एसबीआई, आईओबी, आईएफसीआई, एक्सिम बैंक, कोर्पोरेशन बैंक सहित अन्य फाइनेंस कंपनियां शामिल हैं।
आरोप है कि आरबीआई की डिफॉल्टर्स की सूची में नाम होने के बावजूद भी आरोपियों ने बैंकों से क्रेडिट सुविधा और टर्म लोन पाने में सफलता पाई। इसमें बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका है। जिसे देखते हुए सीबीआई ने इसमें बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी आरोपी बनाया है।