सूरत ग्राम्य की हर घटना जानलेवा
चौंकाने वाली बात यह है कि एक अप्रेल २०१६ से ३१ मार्च २०१७ तक और एक अप्रेल २०१७ से ३१ मार्च २०१८ के दो सालों में सूरत ग्राम्य में १३०-१३० हिट एंड रन की घटनाएं हुईं और इसमें बीते साल १३४ लोगों को जबकि इस साल १३२ लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ गया।
वडोदरा ग्राम्य में घटना कम, मौत ज्यादा
वडोदरा ग्राम्य की स्थिति पर नजर डों तो अप्रेल २०१६ से मार्च २०१७ के दौरान हिट एंड रन की ५१ घटनाएं हुईं, जिसमें ५३ लोगों को जान गंवानी पड़ी, लेकिन एक अप्रेल २०१७ से ३१ मार्च २०१८ के दौरान ७७ घटनाओं में ८४ लोगों की जिंदगी चली गई।
अहमदाबाद शहर में घटनाएं हुई कम, मौत का प्रमाण बढ़ा
अहमदाबाद शहर की बात करें तो अप्रेल २०१६ से मार्च २०१७ के दौरान हिट एंड रन के १४२ मामले हुए थे। उसकी तुलना में अप्रेल २०१७ से ३१ मार्च २०१८ के दौरान हिट एंड रन की १२४ घटनाएं ही हुईं। लेकिन बीते वर्ष १४२ मामलों में ८१ लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस वर्ष १२४ घटनाओं में ही ८० लोगों की जान चली गई। घटनाओं पर बेशक लगाम लगी हो, लेकिन मौत का प्रमाण बढ़ा है। यह चिंताजनक स्थिति है।
राज्य में अप्रेल २०१६ से ३१ मार्च २०१७ के दौरान हिट एंड रन की १६९८ घटनाएं हुईं जिसमें १३३२ लोगों की मौत हो गई। जबकि अप्रेल २०१८ से ३१ मार्च २०१८ के दौरान हिट एंड रन की १७१६ घटनाएं हुईं, जिसमें १३५१ लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी।
राजकोट शहर की बात करें तो दो सालों में हिट एंड रन की घटनाएं तो घटी हैं, लेकिन उनमें मरने वालों की संख्या बढ़ी है।
सूरत शहर की बात करें तो हिट एंड रन की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन उनमें होने वाली मौत की संख्या पर लगाम लगी है। वडोदरा शहर में हिट एंड रन और उनमें होने वाली मौत दोनों ही में कमी आई है। ऐसी ही स्थिति जामनगर में देखने को मिल रही है।