scriptगुजरात में हिट एंड रन: दो साल में २६८३ लोगों ने गंवाई जान | 2683 Gujarat people lost his life in Hit and Run incident in two year | Patrika News

गुजरात में हिट एंड रन: दो साल में २६८३ लोगों ने गंवाई जान

locationअहमदाबादPublished: Sep 21, 2018 12:06:00 am

सूरत-वडोदरा ग्रामीण इलाके सबसे खतरनाक, अहमदाबाद शहर में भी स्थिति विकट, न रुक रहीं घटनाएं और न थम रहा मौत का सिलसिला

hit and run

गुजरात में हिट एंड रन में दो साल में २६८३ लोगों ने गंवाई जान

अहमदाबाद. राज्य में यातायात नियमों की अनदेखी और तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों पर लगाम लगने का नाम नहीं ले रही है। इसके चलते होने वाली हिट एंड रन की ना तो घटनाएं रुक नहीं हैं और ना ही इनमें होने वाली मौत का सिलसिला थम रहा है।
चिंताजनक स्थिति इस बात की है कि बीते दो सालों में राज्य में हिट एंड रन की ३४१४ घटनाएं हुईं, जिसमें २६८३ लोगों को अपने जान गंवानी पड़ी।
हिट एंड रन की घटनाओं और उनसे होने वाली मौत के लिहाज से सबसे खतरनाक स्थिति सूरत ग्राम और वडोदरा शहर की है। अहमदाबाद शहर के हालात में भी कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।
गुजरात विधानसभा में बेचराजी विधायक भरत ठाकोर की ओर से पूछे गए प्रश्न के जवाब में सदन पटल पर रखे लिखित जवाब में यह स्थिति सामने आई है।

सूरत ग्राम्य की हर घटना जानलेवा
चौंकाने वाली बात यह है कि एक अप्रेल २०१६ से ३१ मार्च २०१७ तक और एक अप्रेल २०१७ से ३१ मार्च २०१८ के दो सालों में सूरत ग्राम्य में १३०-१३० हिट एंड रन की घटनाएं हुईं और इसमें बीते साल १३४ लोगों को जबकि इस साल १३२ लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ गया।

वडोदरा ग्राम्य में घटना कम, मौत ज्यादा
वडोदरा ग्राम्य की स्थिति पर नजर डों तो अप्रेल २०१६ से मार्च २०१७ के दौरान हिट एंड रन की ५१ घटनाएं हुईं, जिसमें ५३ लोगों को जान गंवानी पड़ी, लेकिन एक अप्रेल २०१७ से ३१ मार्च २०१८ के दौरान ७७ घटनाओं में ८४ लोगों की जिंदगी चली गई।

अहमदाबाद शहर में घटनाएं हुई कम, मौत का प्रमाण बढ़ा
अहमदाबाद शहर की बात करें तो अप्रेल २०१६ से मार्च २०१७ के दौरान हिट एंड रन के १४२ मामले हुए थे। उसकी तुलना में अप्रेल २०१७ से ३१ मार्च २०१८ के दौरान हिट एंड रन की १२४ घटनाएं ही हुईं। लेकिन बीते वर्ष १४२ मामलों में ८१ लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस वर्ष १२४ घटनाओं में ही ८० लोगों की जान चली गई। घटनाओं पर बेशक लगाम लगी हो, लेकिन मौत का प्रमाण बढ़ा है। यह चिंताजनक स्थिति है।
राज्य में अप्रेल २०१६ से ३१ मार्च २०१७ के दौरान हिट एंड रन की १६९८ घटनाएं हुईं जिसमें १३३२ लोगों की मौत हो गई। जबकि अप्रेल २०१८ से ३१ मार्च २०१८ के दौरान हिट एंड रन की १७१६ घटनाएं हुईं, जिसमें १३५१ लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी।
राजकोट शहर की बात करें तो दो सालों में हिट एंड रन की घटनाएं तो घटी हैं, लेकिन उनमें मरने वालों की संख्या बढ़ी है।
सूरत शहर की बात करें तो हिट एंड रन की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन उनमें होने वाली मौत की संख्या पर लगाम लगी है। वडोदरा शहर में हिट एंड रन और उनमें होने वाली मौत दोनों ही में कमी आई है। ऐसी ही स्थिति जामनगर में देखने को मिल रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो