script‘सूरत में 30 लाख लोग बेरोजगार’ | 30 lakh people unemployed in Surat | Patrika News

‘सूरत में 30 लाख लोग बेरोजगार’

locationअहमदाबादPublished: Oct 15, 2017 05:25:10 am

जन विकल्प मोर्चा के नेता शंकरसिंह वाघेला ने कहा कि जीएसटी का अध्ययन किए बिना ही अमल करने के कारण व्यापार-उद्योग जगत परेशान है। जीएसटी के कारण सूरत में

30 lakh people unemployed in Surat

30 lakh people unemployed in Surat

राजकोट।जन विकल्प मोर्चा के नेता शंकरसिंह वाघेला ने कहा कि जीएसटी का अध्ययन किए बिना ही अमल करने के कारण व्यापार-उद्योग जगत परेशान है। जीएसटी के कारण सूरत में 30 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं और 15 लाख लोग सूरत छोडक़र चले गए। सौराष्ट्र-कच्छ सहित गुजरात में छह हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी करके शनिवार को राजकोट पहुंचने पर वाघेला ने स्थानीय सर्किट हाऊस में संवाददाताओं को संबोधित किया। उन्होंने पेट्रोल, डीजल, गैस को जीएसटी में शामिल करने की हिमायत करते हुए कहा कि गुजरात सरकार की ओर से कर में चार प्रतिशत कमी की घोषणा कम है, पेट्रोल व डीजल पर कम से कम 10 प्रतिशत कमी करनी चाहिए। इसके अलावा रोटी-कपड़ा-मकान को जीएसटी के दायरे से मुक्ति देनी चाहिए।

यह लुभावनी घोषणाएं भी : वाघेला ने राज्य में भाजपा व कांग्रेसी मतदाताओं को नाराज बताते हुए कहा कि जन विकल्प मोर्चा ही विकल्प है। उन्होंने कहा कि उनका पुत्र महेंद्रसिंह वाघेला भाजपा से चुनाव नहीं लड़ेगा। लुभावनी घोषणाएं करते हुए कहा कि जन विकल्प मोर्चा सत्ता में आएगा तो खर्च निकालने के लिए प्रति महीने सरपंचों को 5 हजार रुपए विशेष भत्ता, 12वीं कक्षा उत्तीण करने वाले युवाओं को 3 हजार, स्नातक उत्तीर्ण को 4 हजार, स्नातकोत्तर उत्तीर्ण को 4500 रुपए भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा बिजली बिल में कृषि, आवासीय व औद्योगिक जोन में 30 से 50 प्रतिशत तक बिल माफी की राहत दी जाएगी।

फिल्म पद्मावती के विरोध में आंदोलन को समर्थन

क्षत्रिय समाज के इतिहास को विकृत तरीके से संजय लीला भंसाली की ओर से फिल्म पद्मावती में दिखाने के विरोध में चल रहे आंदोलन को समर्थन देते हुए वाघेला ने कहा कि इस संदर्भ में फिल्म के निर्माता को भी अपने विचार पहुंचाएंगे।

पुश्तैनी जमीन नाम कराने को पांच साल की मर्यादा खत्म

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए पुश्तैनी जमीन को बुजुर्ग व्यक्ति के देहांत के बाद नाम कराने के लिए छूट की पांच साल की सीमा को खत्म कर दिया है।

इसके चलते अब बुजुर्गव्यक्ति के देहांत के पांच साल बाद भी यदि उसके बेटों के नाम पर जमीन परिवर्तित हो (उनके नाम की जाए) वारसदारों के बीच बिन अवेज, अदला-बदली, बंटवारे का लेख कराया जाए या किसी का नाम कम कराया जाए तो पांच साल बाद भी वह सिर्फ सौ रुपए की स्टैंप ड्यूटी भरकर कराया जा सकेगा। अभी तक सिर्फ पांच साल तक ही ऐसा कराने पर सौ रुपए की स्टैंप ड्यूटी की छूट दी।

पांच साल बाद कराने पर स्टैंप ड्यूटी अधिनियम के तहत लगने वाली ड्यूटी भरनी होती थी। किसान संघ ने पांच साल की मर्यादा हटाने की मांग की थी।

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