प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम आई जोशी ने बताया कि पहले चरण के आवंटन के बाद रिक्त रहीं 33907 सीटों के लिए दूसरे चरण की प्रक्रिया की गई। पहले चरण में प्रवेश से वंचित रहे मान्य 13299 आवेदकों से 23 से 25 मई के दौरान चॉइस फिलिंग करवाई गई। इस दौरान 838 ने दूसरे चरण में चॉइस फिलिंग की जबकि 5061 ने पहले चरण की चॉइस को भी यथावत रखा था। इसके आधार पर दूसरे चरण में 4966 विाद्यर्थियों को प्रवेश आवंटित किया गया है।
वर्ष 2023-24 में राज्य की 9833 निजी स्कूलों में 82853 विद्यार्थियों को आरटीई के तहत प्रवेश देना है। इसके लिए आए आवेदनों में से पहले चरण में 54903 विद्यार्थियों को प्रवेश आवंटित किया था, जिसमें से 48 हजार 890 विद्यार्थियों ने प्रवेश को स्वीकारा। गत वर्ष आरटीई के तहत कुल 71396 विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत प्रवेश लिया था।
दूसरे चरण के बाद 30127 सीटें रिक्त
जोशी ने बताया कि आरटीई एक्ट के दूसरे चरण में प्रवेश आवंटित करने के बाद 30127 सीटें खाली रह गई हैं। इसमें गुजराती माध्यम की 14546 सीटें, अंग्रेजी माध्यम की 12466 सीटें, हिंदी माध्यम की 2828 सीटें शामिल हैं। जबकि अन्य माध्यमों की 287 सीटें खाली रही हैं। रिक्त रहीं सीटों के लिए तीसरे चरण पर स्थिति के अनुरूप विचार किया जाएगा।
बड़ी वजह नामी स्कूल की चाहत, इन्कमटैक्स रिटर्न
प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम आई जोशी ने बताया कि इस साल खाली रही सीटों की सबसे बड़ी वजह आरटीई प्रवेश के लिए आय प्रमाण-पत्र के साथ इन्कमटैक्स और पैन नंबर देने की अनिवार्यता है। इन्कमटैक्स न भरने पर स्व प्रमाणित प्रमाण-पत्र सौंपने की अनिवार्यता है। इसके चलते बीते साल की तुलना में मूल आवेदन ही काफी कम आए और कम ही मंजूर हुए। इसके अलावा अभिभावक नामी स्कूलों में ही अपने बच्चों को प्रवेश दिलाना चाहते हैं। जिससे नामी को छोड़ अन्य स्कूलों की सीटें खाली रह जाती हैं। इस वर्ष 98501 आवेदन आए थे, जिसमें से जांच के बाद 68135 मान्य रहे। 15834 आवेदन खुद आवेदकों ने रद्द कराए थे, जबकि 14532 अधूरे दस्तावेज के चलते रद्द किए थे। गत वर्ष एक लाख से ज्यादा आवेदन थे और 71 हजार से ज्यादा को प्रवेश दिया गया था।