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आकस्मिक मौत पर चिकित्सकों के परिजनों को चुकाए 60 करोड़

locationअहमदाबादPublished: Jan 03, 2019 11:01:26 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

आईएमए की विशेष योजना…
अहमदाबाद से संचालित योजना का देश के 960 परिवारों को मिला लाभ

60 crore paid to relatives of doctors on accidental death  

आकस्मिक मौत पर चिकित्सकों के परिजनों को चुकाए 60 करोड़

अहमदाबाद. चिकित्सकों की आकस्मिक मौत के बाद उनके परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए शुरू की गई नेशनल सोशियल सिक्योरिटी स्कीम(एनएसएसएस) के अन्तर्गत ६० करोड़ रुपए चुकाए जा चुके हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने अपने सदस्य चिकित्सकों के लिए यह योजना २२ वर्ष पूर्व शुरू की थी जिसका संचालन देशभर में अहमदाबाद से ही होता है। बेहतरीन संचालन के लिए आईएमए के अहमदाबाद के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
चिकित्सकों की विशेष योजना के सचिव एवं मनपा संचालित शारदाबेन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.योगेन्द्र मोदी के अनुसार हाल ही में बेंगलूरु में आयोजित आईएमए की नेशनल कान्फ्रेंस नेटकॉन में योजना के बेहतरीन संचालन के लिए डॉ, योगेन्द्रमोदी (सचिव) के अलावा डॉ. कीर्तीभाई पटेल(चेयरमेन), डॉ. विपिन पटेल, डॉ. महेन्द्र देसाई एवं डॉ. जीतू पटेल को सम्मानित किया गया। उनके २२ वर्ष पूर्व आईएमए के सदस्यों के लिए ऐसी योजना (एनएसएसएस) शुरू की थी जिसमें यदि चिकित्सक का आकस्मिक निधन हो जाए तो उसके परिजनों को ११ लाख से अधिक की राशि चुकाई जाएगी। इस अन्तराल में देश के ९६० चिकित्सकों का आकस्मिक निधन हुआ था और उनके परिजनों को अब तक साठ करोड़ रुपए सहायता के तौर पर चुकाए गए हैं। आईएमए के देश में १६ हजार से अधिक चिकित्सक सदस्य हैं। इस स्कीम को ब्रदरहुड फेटरनिटी स्कीम के रूप में भी जाना जाता है।
१७ रेन बसेरे बंद स्थिति में, नहीं मिले संचालक
२७ का लाभ ले रहे हैं जरूरतमंद
अहमदाबाद. सर्दी के मौसम में भी शहर के १७ रेन बसेरे बंद हालत में हैं। मनपा का कहना है कि बंद हालत में होने का कारण इनके लिए संचालक नहीं मिले हैं। जबकि २७ का लाभ जरूरतमंद ले रहे हैं।
महानगरपालिका की गुरुवार को हुई स्थायी समिति के बैठक के बाद अध्यक्ष अमूल भट्ट ने बताया कि मनपा की ओर से निर्मित रेन बसेरों को संचालन के लिए विविध संस्थाओं को सौंपा जाता है। रेन बसेरों की सारसंभाल उन्हीं संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है। सर्दी के मौसम में शहर के १७ रेन बसेरे बंद हैं। जिसका कारण इनके संचालन के लिए संस्थाओं का आगे नहीं आना है। जरूरतमंदों को सुविधाएं मुहैया कराने व अन्य व्यवस्थाएं संस्थाएं ही करती हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि शहर में २७ रेन बसेरों का लाभ लोग ले रहे हैं।
हेरिटेज इमारतों के टैक्स बिल होंगे अलग रंग के
अहमदाबाद शहर के जितनी भी इमारत हैं उनके टैक्स बिल अलग रंग के होंगे। मनपा स्थायी समिति के अध्यक्ष के अनुसार शहर की हेरिटेज इमारतों की पहचान के लिए उनकी टैक्स बिल का कलर बदलने का निर्णय किया गया है।
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