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कैंसर से पीडि़त ८० फीसदी बच्चे तोड़ देते हैं दम

locationअहमदाबादPublished: Sep 16, 2018 10:44:18 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

विकासशील देशों में ….
-विश्व बाल कैंसर दिवस पर बच्चों ने लिया व्यसन न करने का संकल्प

80 percent of children suffering from cancer have died

कैंसर से पीडि़त ८० फीसदी बच्चे तोड़ देते हैं दम

अहमदाबाद. गुजरात कैंसर सोसायटी(जीसीएस) संचालित शहर के वासणा स्थित कम्युनिटी ऑन्कोलोजी सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने कभी भी व्यसन नहीं करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में कैंसर जागरुकता पर बल दिया गया ताकि समय रहते उपचार होने पर अधिक से अधिक मरीजों को बचाया जा सके। फिलहाल स्थिति यह है कि विकासशील देशों में कैंसर से पीडि़त अस्सी फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है।
ऑन्कोलोजी सेंटर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. गीता जोशी के अनुसार विकासशील देशों में कैंसर पीडि़त ८० फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है,जबकि इसके विपरीत विकसित देशों में ८० फीसदी उपचार के बाद अच्छा जीवन जीते हैं। विश्व में तीन लाख बाल मरीज हैं। ग्लोबकैन -२०१८ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कैंसर पीडि़त बच्चों की संख्या १३१३४६ है। अहमदाबाद स्थित गुजरात कैंसर एंड रिसर्च सेंटर (जीसीआरआई) अस्पताल में पिछले वर्ष कैंसर पीडि़त बच्चों की संख्या ७२० थी।
फलहाल स्थिति यह है कि विकासशील देशों में कैंसर से पीडि़त अस्सी फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है। जबकि विकसित देशों में अस्सी फीसदी बच्चों को बचा लिया जाता है। जिसका मुख्य कारण समय रहते उपचार शुरू होना माना जाता है।
गुजरात कैंसर सोसायटी एवं लायन डिस्ट्रिक्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में सचेत रहने के उद्देश्य से बच्चों को कैंसर प्रदर्शनी भी दिखाई गई। स्कूल के १५० बच्चों ने तम्बूाकू समेत विविध व्यसनों से दूर रहने की शपथ ली। लायन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सौरभ ब्रह्मभ्ट्ट, गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स की यूथ विंग के चेयरपर्सन सौमिल पुरोहित, जीसीएस के महासचिव एवं सचिव प्रशान्त किनारीवाला तथा क्षितिश मदनमोदनभी मौजूद रहे।
गुजरात कैंसर सोसायटी संचालित इस अस्पताल में कैंसर संबंधित विविध जांचे की जाती हैं। साथ ही इस कैंपस में कैंसर की जनजागरुकता के लिए प्रदर्शनी भी बनाई गई है। जिसमें बताया जाता है कि व्यसन अर्थात तम्बाकू का व्यसन किस हद तक स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक है।

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