कच्छ रीजन के बांध में सबसे कम जल संग्रह
फिलहाल कच्छ रीजन के बांधों में सबसे कम 35.87 फीसदी ही जल संग्रह हो पाया है। इस रीजन में कुल 20 में से दो बांध ही पूरी तरह से भरे हैं। 332.27 एमसीएम क्षमता के मुकाबले इनमें 119.19 एमसीएम जल संग्रह हो पाया है। मध्य गुजरात के 17 में से छह बांध छलक गए हैं। 2347.37 एमसीएम संग्रह क्षमता वाले इन बांधों में फिलहाल 2107.44 एमसीएम जल संग्रह हो चुका है जो 89.78 फीसदी है। जबकि उत्तर गुजरात रीजन के कुल 15 में से एक बांध छलका है। 1929.29 एमसीएम की क्षमता की तुलना में इन बांधों में 708.44 एमसीएम ही जल संग्रह हो पाया है। यह जल संग्रह 36.72 फीसदी है।
128 बांध 90 से 100 फीसदी तक भरे
राज्य के प्रमुख 128 बांधों में क्षमता के मुकाबले जल संग्रह 90त्न से अधिक हो चुका है। महिसागर के वाणकबोरी बांध को छोडक़र 127 को हाईअलर्ट घोषित किया है। 80 फीसदी से अधिक और 90त्न से कम भर चुके सात बांधों को हाईअलर्ट और 70 से अधिक व 80त्न से कम भरे ७ बांधों को चेतावनी के रूप में दर्शाया गया है। 61 बांधों में 70त्न से कम जल संग्रह हुआ है।
राज्य के प्रमुख 128 बांधों में क्षमता के मुकाबले जल संग्रह 90त्न से अधिक हो चुका है। महिसागर के वाणकबोरी बांध को छोडक़र 127 को हाईअलर्ट घोषित किया है। 80 फीसदी से अधिक और 90त्न से कम भर चुके सात बांधों को हाईअलर्ट और 70 से अधिक व 80त्न से कम भरे ७ बांधों को चेतावनी के रूप में दर्शाया गया है। 61 बांधों में 70त्न से कम जल संग्रह हुआ है।
नर्मदा का जलस्तर 130.83 मीटर पर पहुंचा
गुजरात के सबसे बड़े सरदार सरोवर नर्मदा बांध का उच्चतम जलस्तर 138.68 मीटर के मुकाबले बुधवार सुबह तक 130.83 मीटर पर पहुंच गया। इस बांध में जलसंग्रह की क्षमता 9460 एमसीएम है, इसके मुकाबले फिलहाल 7098.92 एमसीएम है। यह क्षमता का 75.04 फीसदी है। नर्मदा समेत राज्य के 207 प्रमुख बांधों में जल संग्रह की कुल क्षमता 25244.4 एमसीएम है। अब तक 20924.55 एमसीएम जल संग्रह हो चुका है, यह 82.99 फीसदी है।
गुजरात के सबसे बड़े सरदार सरोवर नर्मदा बांध का उच्चतम जलस्तर 138.68 मीटर के मुकाबले बुधवार सुबह तक 130.83 मीटर पर पहुंच गया। इस बांध में जलसंग्रह की क्षमता 9460 एमसीएम है, इसके मुकाबले फिलहाल 7098.92 एमसीएम है। यह क्षमता का 75.04 फीसदी है। नर्मदा समेत राज्य के 207 प्रमुख बांधों में जल संग्रह की कुल क्षमता 25244.4 एमसीएम है। अब तक 20924.55 एमसीएम जल संग्रह हो चुका है, यह 82.99 फीसदी है।