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‘आधार’ अनिवार्यता से सुविधा की जगह बढ़ी दुविधा, हजारों पेंशनधारक पेंशन से वंचित

locationअहमदाबादPublished: Jun 05, 2019 09:53:48 pm

आईआईएम-ए की रिसर्च स्टडी
 

IIMA

‘आधार’ अनिवार्यता से सुविधा की जगह बढ़ी दुविधा, हजारों पेंशनधारक पेंशन से वंचित

अहमदाबाद. पेंशनधारकों को ज्यादा सुविधा देने के उद्देश्य से भले ही केन्द्र सरकार ने पेंशन में ‘आधार’ सत्यापन अनिवार्य किया हो, लेकिन इससे लेकिन कई पेंशनधारकों की दुविधा भी बढ़ गई है। स्थिति ये है कि हजारों पेंशनधारक पेंशन के अधिकार से वंचित हो रहे हैं।
भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के हालिया रिसर्च स्टडी में यह तथ्य सामने आया है।
संस्थान की प्राध्यापिका प्रो.रीतिका खेरा की ओर से ‘भारत में कल्याणकारी योजना में सूचना प्रौद्योगिकी क्या वाकई में काम कर रही है?’ विषय पर की गई रिसर्च स्टडी में पता चला कि आधार के चलते बड़ी संख्या में लोगों को पेंशन पाने में दिक्कत आ रही है।
आंध्रप्रदेश के अप्रेल-2017 से फरवरी-२०१८ तक के ऑनलाइन उपलब्ध डाटा का अध्ययन करने पर पता चला कि ६-१० प्रतिशत का ‘आधार’ आधारित बायमेट्रिक ऑथेन्टिकेशन (एबीबीए) फेल हो जाने से पेंशनधारक पेंशन से वंचित रहे। आंध्रप्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों को विलेज रेवन्यु ऑफिसर (वीआरओ) के जरिए पेंशन देने की शुरूआत की। जिससे ८.८ लाख पेंशनधारक वीआरओ से पेंशन ले रहे हैं। इसमें भी २० हजार तो ऐसे हैं जिन्हें वीआरओ से भी पेंशन नहीं मिल पा रही। इन २० हजार में से ९.६ फीसदी आधार सत्यापित नहीं पाने से वंचित हैं तो ८-१७ प्रतिशत फिंगरप्रिंट के फेल होने से वंचित रहते हैं। ११.८ प्रतिशत में उपकरण, सर्वर समस्या के चलते तकलीफ पाई गई। ये वो लोग हैं जो पेंशन के लिए ‘आधार’ की अनिवायर्ता लागू नहीं होने से पहले नियमित रूप से अपने बैंक एकाउंट और डाकघर के खातों से पेंशन पा रहे थे। लेकिन जब से आधार आया इनका पेंशन पाने का अधिकार भी इनसे छिन सा गया है। आंध्रप्रदेश में कुल 41 लाख पेंशनर्स हैं। इसमें से जिन 11 जिलों में अध्ययन किया उसमें 37 लाख पेंशनर्स हैं। ३७ लाख में से ९० फीसदी ही आधार लागू होने के बाद पेंशन पा रहे थे, जबकि 10 फीसदी पेंशन पाने में सफल नहीं हो पाए।
जबरदस्ती थोपे जाने से है परेशानी
‘आधार प्रक्रिया को पेंशन सिस्टम में ज़बरदस्ती थोपा जा रहा है। चाहे उससे लोगों का नुकसान हो या फायदा। यदि पेंशन बैंक या पोस्ट ऑफिस के खातों में दी जा रही है, तो खाताधारक के अलावा उस खाते से अन्य कोई पेंशन नहीं निकाल सकता है। तो फिर सवाल यह उठता है कि आधार द्वारा उंगलियों के सत्यापन की जरूरत ही क्या है?’ ‘आंध्र प्रदेश में हमने पाया कि कुल पेंशनधारियों में से लगभग 10 प्रतिशत पेंशनधारी ऐसे हैं, जो आधार वाली प्रक्रिया से पेंशन लेने में असक्षम हैं। इनमें से ज्यादातर को उंगलियों के सत्यापन में दिक्कत आ रही थी, लेकिन अन्य दिक्कतें भी हैं (जैसे कि आधार सत्यापन की मशीन में खोट, सर्वर समस्या इत्यादि)। जिनके चलते, आंध्रप्रदेश राज्य सरकार ने अपनी तरफ से ऐसे लोगों के लिए, ‘वीआरओ’ का एक ‘ओवर-राइड’ सिस्टम शुरू किया। लेकिन इसके बावजूद पाया कि हर महीने 20 हज़ार वृद्ध लोग जो पेंशन लेने की कोशिश करते हैं, उन्हें ‘वीआरओ’ सिस्टम के बावजूद भी पेंशन नहीं मिलती।’
-प्रो.रीतिका खेरा, प्राध्यापक, आईआईएम-अहमदाबाद
Professor Reetika Khera
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