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‘उधार’ के आए थे अभियंता वे भी चले गए, अब सिर्फ एक इंस्पेक्टर का सहारा

locationभरतपुरPublished: Sep 26, 2016 01:12:00 pm

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शहर की बिजली व्यवस्था आखिर कैसे दुरुस्त होगी, जब उच्च स्तर पर इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं है। हालात ऐसे हैं कि एक दशक से ज्यादा समय से नगर निगम में कोई स्थाई अभियंता ही नहीं नियुक्त हुआ है।

शहर की बिजली व्यवस्था आखिर कैसे दुरुस्त होगी, जब उच्च स्तर पर इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं है। हालात ऐसे हैं कि एक दशक से ज्यादा समय से नगर निगम में कोई स्थाई अभियंता ही नहीं नियुक्त हुआ है।
विद्युत निगम से ‘उधार ‘ लिए गए अभियंताओं के भरोसे शहर की रोड लाइट व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। बीते कुछ वर्षों से जो अभियंता काम कर रहा था, यहां के माहौल को देखकर अपना डेपुटेशन समाप्त कराकर अपने मूल विभाग में जा चुके हैं। अब शहर की रोड लाइटों की देखरेख एक लाइट इंस्पेक्टर संभाल रहा है।
नहीं दिख रही कोई पहल

इधर, निगम के पास जो एक मात्र कनिष्ठ अभियंता काम कर रहे थे, वे भी इसे छोड़कर अपने मूल विभाग में जा चुके हैं। गत अगस्त माह में उन्होंने अपना यहां से डेपुटेशन खत्म कराकर बीकानेर विद्युत निगम में ड्यूटी ज्वाइन कर ली। ऐसे में जब शहर की रोड लाइट व्यवस्था चरमराई हुई है, अभियंता की कमी निगम में साफ खल रही है, लेकिन निगम स्तर पर सहायक अभियंता तथा कनिष्ठ अभियंता के पदों पर नियुक्ति के लिए कोई पहल नहीं दिख रही।
इधर, विद्युत निगम के जिस सहायक अभियंता को निगम का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था, उनका तबादला नदबई हो गया है। ऐेसे में नगर निगम बिजली के मामल में तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है।यहां कनिष्ठ अभियंता के दो पद हैं, लेकिन वर्तमान में दोनों ही खाली चल रहे हैं। ऐेसे में शहर की बिजली व्यवस्था का पटरी से उतरना लाजिमी है। जनता इसका दंश भुगत रही है।
बस सब्ज बाग दिखाए

निगम से मिली जानकारी के अनुसार यहां बिजली संबंधी कामकाज संभालने के लिए एक सहायक अभियंता तथा दो कनिष्ठ अभियंता के पद स्वीकृत किएहुएहैं। यह व्यवस्थाउस समय की है जब भरतपुर नगर परिषद हुआ करती थी। नगर परिषद से नगर निगम में तब्दील होने के बाद भी हालात नहीं बदले। जानकारी के अनुसार यहां सहायक अभियंता (विद्युत) के पद का चार्ज विद्युत निगम के एक सहायक अभियंता के पास रहा, जबकि कनिष्ठ अभियंता के पद पर डेपुटेशन पर विद्युत निगम के कनिष्ठ अभियंता की सेवाएं ली जाती रही हैं।
करीब एक दशक से ज्यादा समय से नगर निगम के पास अपना कोई स्थाई अभियंता नहीं रहा, जबकि कायदे से स्वायत्त शासन विभाग को इस पदों पर भर्ती करके निगम को भर्ती कर स्थाई भर्ती करनी चाहिएथी। सरकार ने भरतपुर को नगर निगम बनाकर केवल सब्ज बाग ही दिखाएं हैं, ना तो संसाधन बढ़ाए और ना ही समुचित विकास कोई रुपरेखा तैयार की।
लक्ष्मीकांत बालौत आयुक्त नगर निगम भरतपुर ने बताया कि हमारे यहां सहायक अभियंता तथा कनिष्ठ अभियंता के पद रिक्त हैं। जो विद्युत निगम अभियंता यहां सेवाएं दे रहे थे, वे भी अपने मूल विभाग में जा चुके हैं।
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