इसमें बताया कि उसकी चक 81 जीबी अनूपगढ़ में 12.10 बीघा भूमि है। इस भूमि पर उसने दी गंगानगर केन्द्रीय सहकारी बैंक रामसिंहपुर शाखा से
ऋण लेने के लिए आवेदन किया था। तब उसे भूमि को बैंक में रहन रखने के लिए हल्का पटवारी पुरुषोत्तम गुप्ता से कागज लेकर उस पर मुहर लगाने के लिए संपर्क किया।
पटवारी गुप्ता ने इस कार्य के एवज में तीन हजार रुपए मांगे, तब 12 सौ रुपए दे दिए लेकिन शेष राशि बाद में देने का सौदा तय हुआ। इस बीच एसीबी की टीम ने
7 अक्टूबर 2006 को पटवारी को अनूपगढ़ के पीडब्ल्यूडी क्वार्टर में उस समय गिरफ्तार किया तब वह सुबह आठ बजे चाय पीकर आराम कर रहा था।
एसीबी ने इस पटवारी के कब्जे से रिश्वत राशि पन्द्रह सौ रुपए बरामद कर उसके हाथ धुलवाए तो उस पर लगा अदृश्य रंग उतर आया। आरोपित
पुरुषोतम गुप्ता पुत्र रामबक्श गुप्ता मूल रूप से श्रीकरणपुर के वार्ड 8 का है और वह अनूपगढ़ क्षेत्र में 78 जीबी में हल्का पटवारी था। अदालत ने इस पटवारी को दोषी मानते हुए अलग-अलग धाराओं में एक-एक साल कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।