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एसीबी ने खोली अहमदाबाद आरटीओ में भ्रष्टाचार की पोल, दो क्लर्कों को रिश्वत लेते पकड़ा

locationअहमदाबादPublished: Jan 18, 2018 06:23:13 pm

Submitted by:

Nagendra rathor

बाहरी राज्य के वाहन का रजिस्ट्रेशन करने को दो हजार की रिश्वत

ACB Gujarat
अहमदाबाद. अहमदाबाद के आरटीओ कार्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए दो क्लर्कों को रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।

पकड़े गए क्लर्कों में हेड क्लर्क आर.के.परमार और सीनियर क्लर्क एल.एम.परमार शामिल हैं। यह दोनों ही अहमदाबाद आरटीओ कार्यालय में अदर रीजन ब्रांच में सेवारत हैं।
इन दोनों के विरुद्ध एक युवक ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया है कि दोनों ही क्लर्क की ओर से वाहन के रजिस्ट्रेशन की जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक-एक हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।
युवक के एकमित्र ने महाराष्ट्र से टोइंग वाहन खरीदा है। इसे अहमदाबाद आरटीओ में ट्रांसफर कराने के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। यह आवेदन अदर स्टेट ब्रांच में सीनियर क्लर्क एल.एम.परमार के पास पहुंचा। इस रजिस्ट्रेशन में शामिल दस्तावेजों को जांचते हुए इसे मंजूर करने के लिए परमार ने और ब्रांच के हेड क्लर्क आर.के.परमार ने एक-एक हजार रुपए की रिश्वत मांगी होने का आरोप लगाया था।
शिकायत मिलने पर एसीबी अहमदाबाद के सहायक निदेशक बी.एल.देसाई के मार्गदर्शन में पीआई सी.के.पटेल की टीम ने गुरुवार को अहमदाबाद आरटीओ कार्यालय में कार्रवाई की।

जैसे ही शिकायतकर्ता से इन दोनों ही क्लर्कों ने आरटीओ कार्यालय में अपने ब्रांच के कमरे में एक-एक हजार रुपए की रिश्वत स्वीकारी वैसे ही एसीबी की टीम ने दोनों को पकड़ लिया। दोनों के पास से एक-एक हजार की रिश्वत में स्वीकारे गए नोट बरामद किए गए हैं। एसीबी की टीम ने इन दोनों के विरुद्ध मामला दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू की है।
रिश्वत मामले में तलाटी को सात साल की कैद
एसीबी की ओर से सात साल पहले १५ हजार रुपए की रिश्वत के मामले में पकड़े गए तलाटी सुभाष कटारा को पंचमहाल जिले की अदालत ने दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा ५० हजार रुपए का अर्थदंड भी भरने को कहा है।
एसीबी के अनुसार सात साल पहले वर्ष २०१० में एक युवक के पास से संयुक्त मालिकी की जमीन में उसके भाईयों के नाम को अलग करने के लिए तलाटी पर १५ हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए एसीबी ने तलाटी कटारा को गिरफ्तार किया था।
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