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आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत

locationअहमदाबादPublished: Jul 04, 2019 03:48:05 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

अतींद्रिय प्रतिभा के धनी थे आचार्य महाप्रज्ञ : साध्वी रतनश्री

Acharya Mahapragya birth centenary year started

आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत

अहमदाबाद. साध्वी रतनश्री ने कहा कि कुछ महापुरुष ऐसे होते हैं जिनका नाम सदियों तक जनमानस पर अंकित रहता है, उनमें अतींद्रिय प्रतिभा के धनी आचार्य महाप्रज्ञ भी थे जिनका पवित्र जीवन उद्धार चरित्र, पारदर्शी व्यक्तित्व हर किसी को आकर्षित कर लेने वाला था।
वे श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा अहमदाबाद-पश्चिम के तत्त्वावधान में आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष की ‘ओम श्री महाप्रज्ञ गुरुवे नम:’ जप एवं तप के साथ शुरुआत के मौके पर बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी के हाथों गढ़े एक अनमोल रत्न अनन्त से विलीन हो गए लेकिन जन्म शताब्दी पर अनगिनत रश्मियां आज भी पूरे जगत में प्रकाशवान कर रही हैं।
साध्वी रमावती ने कहा कि इस धरती पर सत्य की जरूरत थी तब महात्मा बुद्ध आए, अहिंसा की जरूरत थी तब महावीर आए, क्रांति की जरूरत थी तब भिक्षु आए और प्रज्ञा की जरूरत थी तब आचार्य महाप्रज्ञ ने टमकोर की धरा पर जन्म लिया। वे ध्यान योग के साधना शिखर पुरुष थे। साध्वी हिमश्री ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ 20वीं सदी के ऐसे युग पुरुष थे जिनकी अमृतवाणी से प्रवाहित विश्रुत धारा ने नई संस्कृति का सूत्रपात किया।
साध्वी चैतन्ययशा ने गीत के साथ सौ वास का संकल्प किया। जन्म शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम में ‘महाप्रज्ञ झलकÓ यानी महाप्रज्ञ कौन थे, क्या थे, कैसा जीवन था, आदि की प्रस्तुति नवरंगपुरा निवासी नीतू बछावत, स्वाति बोथरा, राजश्री छाजेड़, नीतू बैद, अंकिता पारीख, अनु गुगलिया, रिचा घीया, शैलजा बेगवानी, प्रेक्षा संघवी, सुरभि छाजेड़ ने शब्द चित्र के माध्यम से दी।
कार्यक्रम के दौरान जय छाजेड़, विक्रम दुग्गड़, अभिषेक मालू, अशोक डागा, किरण बैद, मोहित डागा, रमन घीया, नवीन सेठिया, पन्नालाल मालू एवं चांद छाजेड़, स्नेहा मालू, सुमन दुग्गड़, संगीता मेहता, शशि चिंडालिया, प्रीति बोथरा, मीना कोठारी, अंकिता छाजेड़, मीना डागा, वनीता बेगवानी, शीतल पारीख, ने सामूहिक गीत ‘चरणों में तेरे मस्तक है, श्रद्धा दीप जलाते हैं। महाप्रज्ञ चरण पदरज चंदन, शताब्दी वर्ष मनाते हैं’ का संगान किया।
पश्चिम सभा के अध्यक्ष लूणकरण सांड, उपासिका रजनी दुग्गड़, तेरापंथ युवक परिषद अहमदाबाद के सह मंत्री विक्रम दुग्गड, तेरापंथ महिला मंडल अहमदाबाद की अध्यक्षा रेखा कोठारी, प्रेक्षा विश्व भारती कोबा ट्रस्टी बाबूलाल सेखानी के अलावा गौतम सुराणा, पुष्पा सेठिया, नीलू सेठिया आदि ने अपने जीवन में महाप्रज्ञ के नाम से घटित घटनाओं का उल्लेख किया। ज्ञानशाला की बालिकाओं ने प्रारम्भ में ‘महाप्रज्ञ अष्टकम’ प्रस्तुत किया। साध्वी मुक्तियशा ने संचालन किया। पश्चिम सभा के पूर्व मंत्री नरेन्द्र बैद ने आभार जताया। शताब्दी वर्ष के प्रारंभ पर अनेकों श्रावक-श्राविकाओं ने उपवास, एकासन, आयम्बिल की तपस्या की।
रात्रिकालीन महाप्रज्ञ प्रबोध व संगीत संध्या का आयोजन
साध्वी रमावती, हिमश्री एवं चैतन्ययशा ने प्रबोध का संगान करते हुए अनेक गीतों का संगान किया। नरेन्द्र बैद, झूमर दुग्गड़, संजय सेठिया, अशोक डागा, चांदबाई छाजेड़, पुष्पा दुग्गड आदि ने गीतों का संगान किया। अनुज सेखानी, संजय पारख, गौतम बरडिया, अपूर्व मोदी, किरण बैद, विक्रम दुग्गड़, जय छाजेड़ आदि ने कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग किया।

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