यह रहा है मकसद गुजरात सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने वर्ष 2019 में 'व्हाली दीकरीÓ योजना का प्रारंभ किया है। इसका मकसद बेटियों का जन्म अनुपात बढ़ाना रहा है। बेटियों का शिक्षा में ड्रॉप आउट रेशिया बढ़ाना है। इसके अलावा बेटियों की समाज में अलग पहचान बनाना है।
यह मिलता है फायदा इस योजना में बेटी को जब वह पहली कक्षा में प्रवेश लेती है तब चार हजार रुपए पहली किस्त में दिए जाते हैं। दूसरी किस्त छह हजार रुपए कक्षा 9 में पहुंचने पर दी जाती है। वहीं 18 वर्ष की आयु होने पर उच्च शिक्षा या शादी में सहायता के तौर पर एक लाख रुपए की सहायता तीसरी किस्त के तौर पर दी जाती है, लेकिन बेटी का बाल विवाह नहीं होना चाहिए।
काफी पसंद की जा रही है योजना महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव के.के. निराला ने कहा कि लोगों को अब शपथ पत्र के बजाय सिर्फ स्वघोषित पत्र देना होगा। शपथ पत्र की अनिवार्यता खत्म करने से लोगों को राहत मिलेगी। खर्च बचेगा और उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। विशेषतौर पर गरीब लोगों के लिए यह योजना है, जो काफी पसंद की जा रही है। 18 वर्ष की आयु में बेटी को एक लाख दस हजार रुपए की सहायता दी जाती है। वर्ष 2022-23 के लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।