अब वंजारा ने लगाई आरोपमुक्ति की गुहार
सीबीआई को नोटिस
इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण

अहमदाबाद. इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण में पूर्व डीजीपी पी. पी. पांडेय की आरोप मुक्ति (डिस्चार्ज) के बाद अब पूर्व आईपीएस अधिकारी डी. जी. वंजारा ने भी इस मामले में विशेष सीबीआई अदालत से आरोप मुक्ति की गुहार लगाई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने वंजारा की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
इस मामले में मुख्य आरोपी वंजारा ने अपनी याचिका में पांडे की तरह साम्यता बताते हुए इस मामले से उन्हें आरोप मुक्त की मांग लगाई है। पांडे को अदालत ने सरकारी अधिकारियों के लिए आवश्यक अभियोजन की मंजूरी नहीं लेना, प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनने सहित अन्य कारणों से आरोप मुक्ति कर दिया गया। वंजारा ने कहा कि पांडे की तरह ही आरोप झेल रहे हैं, इसलिए उन्हें इस मामले से मुक्त कर देना चाहिए।
याचिका में यह कहा गया कि प्राथमिकी में 19 पुलिसकर्मियों के नाम होने के बाद सीबीआई ने सिर्फ 7 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया। वंजारा ने दावा किया कि सीबीआई का आरोपपत्र पूरी तरह राजनीति प्रेरित है व मनगढ़ंत है। उनके खिलाफ कोई भी अभियोज्य सामग्री नहीं है।
पूर्व डीआईजी ने कहा कि सीबीआई की ओर से रिकॉर्ड किए गए गवाहों के सबूत संदिग्ध हैं। आरोपपत्र का हवाला देते हुए याचिका में यह कहा गया कि प्रथम दृष्टया इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह मुठभेड़ उनके चैम्बर में रचे गए षडयंत्र का परिणाम है। इस मामले की जांच राजनीतिक उद्देश्य से सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया, इसलिए सीबीआई ने पूरे वर्णन को ट्वीस्ट कर दिया। वंजारा को पिछले वर्ष सोहराबुद्दीन-तुलसी प्रजापति मुठभेड़ प्रकरण से भी आरोप मुक्त किया जा चुका है।
इससे पहले गत महीने सीबीआई की विशेष अदालत ने इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण में राज्य के पूर्व प्रभारी पुलिस महानिदेशक पी.पी. पांडेय को डिस्चार्ज (आरोप मुक्त) कर दिया था।
सीबीआई ने इस मामले में वर्ष 2013 में पांडे, वंजारा सहित सहित गुजरात पुलिस के सात आरोपी अधिकारियों के खिलाफ पहला आरोपपत्र पेश किया था। इन सभी पर हत्या, अपहरण व षडयंत्र का आरोप लगाया गया। इसके बाद सीबीआई ने आईबी के चार अधिकारियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र पेश किया था।
यह है मामला
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद के बाहरी इलाके में 15 जून 2004 को मुंबई के पास मुंब्रा की 19 वर्षीया युवती इशरत जहां, प्रणेश पिल्लई उर्फ जावेद पिल्लई तथा दो पाकिस्तानी आतंकियों-जीशान जौहर व अमजद अली राणा को मुठभेड़ में मार गिराया था। क्राइम ब्रांच का दावा था कि ये सभी तत्कालीन मुख्यमंत्री नरन्द्र मोदी की हत्या के मिशन पर आए थे।
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