भोजन के बाद वस्त्रदान
साधु संतों को… भगवान के स्वस्थ होने की कामना से सरसपुर के प्राचीन मंदिर में नेत्रोत्सव विधि
अहमदाबाद. भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा को लेकर सभी विधि परंपरागत रूप से की जा रही हैं। जिसके अन्तर्गत गुरुवार को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम प्रतीकात्मक रूप से निज मंदिर पहुंच गए। इधर, ननिहाल अर्थात सरसपुर के वासण शेरी स्थित प्राचीन रणछोडऱाय मंदिर में गुरुवार को भगवान के स्वस्थ रहने की कामना से साधु-संतों को भोजन करवाया गया और उसके बाद उन्हें भेंट दी गई।
सरसपुर में वासणशेरी स्थित रणछोडऱाय (प्राचीन) मंदिर के महाराज लक्ष्मणदास के अनुसार यूं तो सभी शेरियों में साधु-संत एवं श्रद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन यहां विशेष रूप से साधु-संतों का भंडारा होता है। रथयात्रा से दो दिन पूर्व अमावस्या के दिन हर वर्ष यही परंपरा चली आ रही है। गुरुवार को दूर-दूर से आए साधु-संतों को मंदिर परिसर में भोजन करवाया गया और उसके बाद उन्हें भेंट स्वरूप व प्रदान किए। महंत लक्ष्मणदास महाराज ने बताया कि सरसपुर क्षेत्र में विविध शेरियों व अन्य जगहों से कार्यकर्ता भंडारे की व्यवस्था को संभालते हैं। स्थानीय श्रद्धालु जयेन्द्र दोशी के अनुसार हर वर्ष रथयात्रा से दो दिन पूर्व साधुओं के लिए विशेष भंडारा होता है। मान्यता है कि ननिहाल में १५ दिन रहने के दौरान भगवान की आंख मेें जलन होने से पट्टी बांध दी जाती है। जिससे ननिहालवासी उनके स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इसी के अन्तर्गत ननिहालवासी भंडारा करते हैं।गौरी व जया पार्वती व्रत को लेकर…
साबरमती रिवरफ्रंट पर होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
बगीचों का खुलने का समय भी बढ़ाया जाएगा
अहमदाबाद. आगामी २३ जुलाई से शुरू होने वाले गौरी एवं जया पार्वती एवं गौरी व्रत के मद्देनजर साबरमती रिवरफ्रंट सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
मनपा कार्यालय में गुरुवार को स्टेंडिंग कमेटी के के बाद कमेटी के अध्यक्ष अमूल भट्ट ने बताया कि आगामी २३ जुलाई से शुरू होने वाले गौरीव्रत एवं २५ से जया पार्वती व्रत के मद्देनजर साबरमती रिवरफ्रंट पर विविध सांस्कृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसका पूरा खर्च मनपा का संबंधित विभाग वहन करेंगा। उन्होंने कहा कि २७ जुलाई को गौरीव्रत के लिए कन्याएं जागरण करेंगी वहीं २९ जुलाई को पार्वती व्रत करने वाली महिलाएं जागरण करेंगी। इन दोनों दिन बालिका-महिलाओं एवं छोटे अन्य बच्चों को कांकरिया परिसर में निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा २३ से २९ जुलाई (दोनों व्रत) करने वाली कन्या-महिलाओं के लिए मनपा संचालित बगीचों को रात ग्यारह बजे तक खोला जाएगा। जबकि दोनों व्रतों के जागरण के दिनों में सभी बगीचे पूरी रात खुले रहेंगे। गुरुवार को स्टेंडिंग कमेटी में चर्चा होने के बाद इन सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई।
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