अहमदाबाद. देश के ११ दिवसीय दौरे पर आए प्रिंस आगाखान गुरुवार को गांधीनगर में राज्यपाल ओ.पी. कोहली एवं मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मिले। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में सहयोग करने की इच्छा जताई। पूर्व सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया।
गांधीनगर में राज्यपाल ओ.पी. कोहली के साथ मुलााकात को दौरान समाज सेवा के क्षेत्र में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। हिज हाईनेस आगाखान ने मुख्यमंत्री रूपाणी के साथ बैठक में कई क्षेत्रों में सहयोग की इच्छा जताई। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, रूरल एजुकेशन एडवांस प्रोग्राम समेत विविध सेवा के क्षेत्रों में ट्रस्ट की गतिविधियों को दायरा बढ़ाने की बात कही। मुख्यमंत्री
विजय रूपाणी के परामर्श पर हिज हाइनेस ने उत्तर गुजरात के सिद्धपुर के कैंसर अस्पताल को सहयोग करने की इच्छा जताई। इस दौरान प्रिंस आगाखान ने कहा कि मुंबई में आगाखान फाउंडेशन की ओ से कैंसर अस्पताल कार्यरत है। इसी तरह से उन्होंने सिद्धपुर के कैंसर अस्पताल में निदान, उपचार और रिसर्च में सहयोग करने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री ने आदिवासी बहुल्य इलाकों में सेवा का दायरा बढ़ाने का भी परमार्श दिया। उन्हेें सरकार की विविध उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया। सीएम रूपाणी ने आगाखान फाउंडेशन की ओर से दुनिया के कई देशों में किए जाने वाले सेवा कार्यों की सराहना भी की। इस बैठक में मुख्य सचिव कैलाश नाथन, प्रधान सचिव एम.के. दास समेत उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे।
आज से चार दिनों तक अनुयायियों के साथ
प्रिंस आगाखान शुक्रवार से चार दिनों तक अहमदाबाद में रहेंगे। वे हीरक जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिदिन जीएमडीसी ग्राउंड में अपने अनुयायियों से मिलेंगे। गौरतलब है कि भारत में सामाजिक विकास के लिए अच्छा कार्य करने पर हिज हाईजेनिक आगा खान को वर्ष २०१५ में पद्मविभूषण से नवाजा गया। आगाखान फाउन्डेशन तथा आगाखान डवलेपमेंट नेटवर्क के वे संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं। ये संस्थाएं एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका समेत ३५ देशों की सरकार और स्वैच्छिक संस्थाओं के साथ मिलकर
काम कर रहीं हैं। पिछले छह दसक से दुनियाभर के लाखों लोगों को इनका लाभ मिला है। भारत में गुजरात, अंाध्रप्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश समेत विविध राज्यों में कार्यरत हैं, जो स्वास्थ्य, पुन: स्थापना, शिक्षा, कृषि तथा पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रही हैं।