इस प्रकार की सर्जरी करने वाला यह चिकित्सक एशिया के 48 देशों में पहला बताया गया है। दाहोद के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल पडवाल ने यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने बताया कि दाहोद के समीप मध्यप्रदेश के सीमावर्ती गांव की 101 किलो वजन की 42 वर्षीय महिला के बड़े अंडाशय में करीब &0 से 40 सेंटीमीटर की गांठ होने की जानकारी एक निजी अस्पताल में हुए परीक्षण में पता चला था।
एमआरआई कराना नहीं था संभव
महिला के भारी वजन के कारण उसका एमआरआई कराना भी संभव नहीं था। डॉ पडवाल ने कहा कि महिला को दाहोद में एमआरआई कराने का प्रयास किया गया तो मोटापा के कारण वह मशीन में फंस गई जिससे परीक्षण नहीं हो पाया।
डॉ राहुल पडवाल ने मरीज का वजायनल सर्जरी की कठिन मानी जाने वाली पद्धति से सर्जरी कर शरीर से 6.1 लीटर तरल और 400 ग्राम ठोस मिलाकर साढ़े छह किलो की गांठ निकालने में सफलता पाई।
आधुनिक वीडियो लेरिन्गोस्कोप मशीन की मदद से वेसेल सिलर लगाया गया। नेचुरल एरिफायसी पद्धति का अनुसरण करते हुए गांठ का ऑपरेशन किया गया। इस पद्धति में वेसल सिलर सिस्टम का उपयोग किया गया। इसके कारण किसी प्रकार के टांके की भी जरूरत नहीं पड़ी। इस पद्धति से ऑपरेशन के बाद मरीज के शरीर में दूसरे दिन सर्जरी का कोई निशान तक नहीं रहा। मरीज को किसी प्रकार का स्राव नहीं होने से उसे दूसरे दिन ही डिस्चार्ज भी कर दिया गया। महिला के अत्यंत मोटापा के कारण गले का भाग भी बहुत Óयादा मोटा था। इसकी वजह से मरीज को बेहोश करना भी संभव नहीं था।