अहमदाबाद

Ahmedabad : मरीजों के लिए घरों तक पहुंच जाती है नेत्रहीन कृतिका

अंधेरे में रहकर प्रकाश फैलाने का काम…

अहमदाबादNov 19, 2019 / 10:32 pm

Omprakash Sharma

Ahmedabad : मरीजों के लिए घरों तक पहुंच जाती है नेत्रहीन कृतिका,Ahmedabad : मरीजों के लिए घरों तक पहुंच जाती है नेत्रहीन कृतिका

अहमदाबाद. शहर में रह रही राजस्थान मूल की एक युवती अंधेरे में रहकर भी प्रकाश फैलाने जैसा काम कर रही है। दरअसल फीजियोथेरेपिस्ट बनी यह युवती नेत्रहीन है, जो फीजियोथेरेपी के छात्रों को तो पढ़ाती है ही साथ ही मरीजों की सार-संभाल करने के लिए उनके घरों तक भी पहुंच जाती है। आत्मविश्वास इतना कि रिक्शा या बीआरटीएस बस में बैठकर शहर के कोई भी इलाके में अकेली ही चली जाती है।
राजस्थान के भवानीमंडी मूल की कृतिका परीख की दोनों आंखों की रोशनी जन्म से ही नहीं है। पढऩे में तेज होने के कारण उसका एडमीशन वापुर क्षेत्र स्थित ब्लाइंड पीपुल एसोसिएशन (बीपीए) संचालित फीजियोथेरेपी कॉलेज में हुआ था। साढ़े तीन वर्ष तक डिप्लोमा इन फीजियोथेरेपी के बाद अब यह युवती दो वर्ष से कॉलेज में आने वाले अन्य नेत्रहीन विद्यार्थियों को पढ़ाती है। साथ ही वह पीजियोथेरेपी संबंधित मरीजों की सार-संभाल करने के लिए घर भी जाती है। मरीज के बताए पते पर अकेली चली जाती है।
कृतिका ने बताया कि अहमदाबाद आई थी तो सड़क पर निकलने से डरती थी लेकिन अब डर नहीं लगता और एक छड़ी के सहारे मरीज के घर तक पहुंच जाती है। शहर के आंबावाड़ी क्षेत्र स्थित एक पीजी में रहती है। जहां से वापुर स्थित बीपीए में जाती है और उसके बाद जरूरत के आधार पर मरीज के घर भी पहुंच जाती है।
देश में अन्य कहीं नहीं है ऐसे कॉलेज
जिस कॉलेज में कृतिका ने अध्ययन किया है ऐसे कॉलेज देश में अन्य जगह कहीं नहीं हैं। शहर में ऐसे दो कॉलेज हैं। एक नवरंगपुरा में और दूसरा बीपीए में है। साढ़े तीन वर्ष तक के अध्ययन के बाद कृत्रिका एक अच्छी फीजियोथेरेपिस्ट बन गई है। इस कॉलेज से पढ़ाई करने वाले ४४० नेत्रहीन देश और विदेश में फीजियोथेरेपिस्ट के तौर पर सेवा दे रहे हैं।
डॉ. बी.के. पंचाल, प्रिन्सीपल बीपीए फीजियोथेरेपी कॉलेज
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.