सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं स्पाइन विभागाध्यक्ष डॉ. जे.वी. मोदी ने बताया कि भरत की रीढ़ की हड्डी का ऊपरी हिस्से का तालमेल नहीं होने के कारण उसे असहनीय पीड़ा हो रही थी। ऐसी स्थिति में सर्जरी करना भी बड़ा रिस्क था लेकिन न्यूरो मानिटङ्क्षरंग के साथ दो घंटे में यह ऑपरेशन किया। यह अपने आप में जटिल सर्जरी थी। डॉ. जे.वी. मोदी और उनकी टीम के स्पाइन फेलो डॉ. सागर, डॉ. हर्शल और एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब भरत पहले की तरह आसानी से चलने में सक्षम हैं।
भरत के परिजनों ने बताया कि जोधपुर में एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने उपचार में भारीभरकम खर्च और कोई गारंटी नहीं देने की बात कही थी तब काफी चिन्ता हो गई थी। उस दौरान दर्द के साथ जीवन जी लेना ही चुनना मजबूरी हो गई थी। लेकिन जब एक मित्र ने अहमदाबाद में जाने की सलाह दी थी तो यह सब कुछ बहुत आसान हो गया। किशोर के आराम होने पर परिजनों ने गुजरात सरकार की सुविधाओं और सिविल अस्पताल के चिकित्सकों का आभार भी माना।