कालाबाजारी में जब्त रेमडेसिविर से बचेगी मरीजों की जान, कोर्ट की मंजूरी
Ahmedabad, court, permission, seized, use remdesivir injection, civil hospital, crime branch, Gujarat मुद्दा माल के तहत जब्त ३५ इंजेक्शन मरीजों को लगेंगे, प्रेरक फैसला, क्राइम ब्रांच ने लगाई थी अदालत से गुहार, सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को सौंपें क्राइम ब्रांच
कालाबाजारी में जब्त रेमडेसिविर से बचेगी मरीजों की जान, कोर्ट की मंजूरी
अहमदाबाद. कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए इन दिनों संजीवनी बूटी साबित हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के बीच इनकी कालाबाजारी करने के तहत जब्त किए गए ३५ इंजेक्शनों के मामले में शहर की एक अदालत (कोर्ट) ने महत्वपूर्ण और प्रेरक फैसला किया है।
क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त डी पी चुड़ास्मा ने बताया कि 13 अप्रेल को क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से जस्टिन परेरा नाम के आरोपी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया। उसके पास से ३५ रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए। इन दिनों इस इंजेक्शन की अहमदाबाद सहित राज्यभर में भारी कमी है। लोग घंटों कतार में रहते हंै। यह इंजेक्शन लोगों की जिंदगी बचाने में कारगर हैं, जिससे यह इंजेक्शन केस के मुद्दामाल के रूप में जमा न रहकर उपयोग में आए उसके लिए सरकारी वकील से मिलकर क्राइम ब्रांच से तत्काल कोर्ट में गुहार लगाई थी।
अदालत को परिस्थिति से अवगत कराया, मुद्दामाल के तहत जब्त किए गए इन इंजेक्शनों को उपयोग में लेने की मंजूरी मांगी, जिस पर अदालत ने इन इंजेक्शनों को मरीजों को लगाकर उनका जीवन बचाने की मंजूरी दी है। जिससे यह इंजेक्शन सिविल अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट को सौंपे।
कोर्ट के इस फैसले से इस इंजेक्शन के चलते कई लोगों की जिंदगी बच सकेगी। फिलहाल वडोदरा व अन्य जगहों पर भी ऐसे इंजेक्शनों की कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे हंै। उनमें जब्त इंजेक्शनों के मामले में भी यह फैसला एक उदाहरण बन सकता है।
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