तीन महिला पीआई को सौंपी थानों की जिम्मेदारी
शहर के सात पीआई का तबादला

अहमदाबाद. शहर पुलिस आयुक्त ए.के.सिंह ने गुरुवार को शहर के सात पुलिस निरीक्षकों का तबादला कर दिया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की ओर से हाल ही में जारी किए गए महिला पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रमुख काम सौंपने के निर्देश की भी सीपी ने पालना की है। ऐसा करते हुए उन्होंने शहर के तीन थानों की कमान महिला पुलिस निरीक्षकों को सौंपी है। इसमें घाटलोडिया सरीखा प्रमुख थाना भी शामिल है। इसके अलावा साबरमती रिवरफ्रंट ईस्ट और वेस्ट में महिला पीआई की तैनाती की है।
इसमें महिला थाना ईस्ट की महिला पीआई पी.एम.गामित को घाटलोडिया थाने का फस्र्ट पीआई बनाया है। एम.ए.सिंह को महिला थाना वेस्ट से साबरमती रिवरफ्रंट थाना वेस्ट में स्थानांतरित किया है। महिला पीआई जी.एच.पठान को साबरमती रिवरफ्रंट ईस्ट थाने में नियुक्ति दी है।
ओढव थाने के पीआई सी.बी.टंडेल को गोमतीपुर का फस्र्ट पीआई नियुक्त किया है। आनंदनगर थाने के पीआई पी.बी.चौहान को मानव व्यापार निरोधक यूनिट में स्थानांतरित किया है। एस.जे.बलोच को साबरमती रिवरफ्रंट से आनंदनगर थाने में स्थानांतरित किया है। साबरमती रिवरफ्रंट ईस्ट के पीआई के.सी. राठवा को मेघाणीनगर थाने का सेकेन्ड पीआई बनाया है।
गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शिवानंद झा ने सोमवार को राज्य के सभी रेंजों के आईजी व डीआईजी, एसपी और पुलिस आयुक्त (सीपी) को इस बाबत फरमान जारी किया। इसमें कहा कि अक्सर देखा गया है कि राज्य में क्राइम को काबू में करने के लिए, अपराध की जांच करने वाली क्राइम ब्रांच, जिले की स्थानीय अपराध शाखाओं (एलसीबी), स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), पुलिस अधिकारियों की स्पेशल स्क्वॉड (प्रिवेंशन ऑफ क्राइम ब्रांच-पीसीबी) सहित थानों में पुलिस निरीक्षक के मार्गदर्शन में काम करने वाले डिटेक्शन स्टाफ (डीस्टाफ) में महिला पुलिस कर्मचारियों, अधिकारियों को पर्याप्त मौका नहीं मिल पाता है। थानों में भी महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों से अमूमन वायरलैस ऑपरेटर, पीएसओ, फिक्स पोइन्ट जैसे ही काम सौंपे जाते हैं। यह उचित नहीं है।
गुजरात पुलिस बेड़े में शामिल हुई महिला कांस्टेबल, पीएसआई, पीआई व अन्य स्तर के कर्मचारियों की प्रतिक्षा, हुनर और योग्यता का मूल्यांकन करके उन्हें शहर की क्राइम ब्रांचों, जिलों की एलसीबी, एसओजी, थानों के डीस्टाफ में नियुक्ति दी जाए। थानों में उन्हें चरणबद्ध रूप से सभी प्रकार के कामकाज सौंपा जाएं। यह भी देखने को मिला है कि लंबे समय से क्राइम ब्रांच व अन्य एजेंसियों में कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं होता है, जिसके चलते अन्य योग्य पुलिस कर्मचारियों को ऐसी एजेंसियों में काम करने का मौका नहीं मिल पाता है। इसलिए इस संदर्भ में जरूरत पडऩे पर महिला कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनकी नियुक्ति की जाए। इस बाबत एक महीने में उठाए गए कदमों के संदर्भ में राज्य के पुलिस महानिदेशक कार्यालय को रिपोर्ट भी भेजी जाए।
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