कोरोना से ठीक होने वाले ही करते हैं प्लाज्मा दान कोरोना के उपचार में सहायक हो रही कोरोना पद्धति में वे लोग ही प्लाज्मा दान कर सकते हैं जिन्होंने कोरोना को मात दी है। ऐसे समय में एन्टीबॉडी में वृद्धि होती है और उस दौरान लिया गया प्लाज्मा अन्य मरीज में भी एन्टीबॉडी विकसित करने का काम करता है। जिससे कोरोना का मरीज ठीक हो सकता है। एक व्यक्ति से लिया जाने वाला प्लाज्मा दो मरीजों को काम आ सकता है।
सिविल अस्पताल में प्लाज्मा बैंक से 35 का किया प्लाज्मा से उपचार
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल स्थित कोविड सेंटर में कार्यरत गुजरात की पहली प्लाज्मा बैंक में से राज्य के विविध अस्पतालों में 35 से अधिक मरीजों को प्लाज्मा का इस्तेमाल किया जा चुका है। अब तक बैंक में 50 से अधिक लोगों का प्लाज्मा मिल चुका है, जो 100 मरीजों के लिए काम आ सकता है। प्लाज्मा दान करने वालों कीी संख्या अब बढ़ रही है। जिससे जरूरतमंदों का उपचार हो सकेगा।
डॉ. एम.एम. प्रभाकर, एसओडी सिविल अस्पताल कोरोना सेंटर
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल स्थित कोविड सेंटर में कार्यरत गुजरात की पहली प्लाज्मा बैंक में से राज्य के विविध अस्पतालों में 35 से अधिक मरीजों को प्लाज्मा का इस्तेमाल किया जा चुका है। अब तक बैंक में 50 से अधिक लोगों का प्लाज्मा मिल चुका है, जो 100 मरीजों के लिए काम आ सकता है। प्लाज्मा दान करने वालों कीी संख्या अब बढ़ रही है। जिससे जरूरतमंदों का उपचार हो सकेगा।
डॉ. एम.एम. प्रभाकर, एसओडी सिविल अस्पताल कोरोना सेंटर