अहमदाबाद. कोरोना महामारी का असर नवरात्रि पर नौ दिनों तक होने वाले गरबों और दस दिन चलने वाली रामलीला पर तो पड़ा ही है साथ ही गुजरात में आकर बसे पश्चिम बंगाल मूल के लोगों की ओर से आयोजित होने वाली दुर्गा पूजा पर भी हुआ है।
कोरोना के चलते इस वर्ष अहमदाबाद शहर सहित राज्यभर में दुर्गा पूजा के लिए विशेष प्रकार से सजने वाले पांडाल नहीं सजे हैं। मंजूरी नहीं मिलने के चलते आयोजकों ने इस वर्ष मां दुर्गा की इकोफ्रेंडली प्रतिमाएं भी नहीं बनाई हैं। वैसे दुर्गा पूजा से करीब एक से डेढ़ महीने पहले से ही विशेषरूप से कोलकाता से कारीगरों को बुलाकर न सिर्फ पांडाल सजवाया जाता था, बल्कि मां दुर्गा की इकोफ्रेंडली प्रतिमाएं भी बनवाते थे। इस वर्ष कोरोना के चलते कोलकाता से कारीगर नहीं बुलाए गए हैं।
वैसे पांडाल में न सिर्फ मां दुर्गा की महिषासुर का वध करने वाली मां की सिंह पर सवारी वाले दृश्य को दर्शाती बड़ी प्रतिमा सुशोभित होती है, बल्कि मां सरस्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणपति और माता लक्ष्मी की प्रतिमाएं भी होती हैं, जिनकी महाषष्ठी से लेकर विजयादशमी तक पूजा अर्चना होती है। कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।अहमदाबाद के चांदखेडा, साबरमती, एयरपोर्ट, मणिनगर, घाटलोडिया, राजपथ क्लब इलाके सहित कई इलाकों में दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। इस वर्ष ज्यादातर जगहों पर पांडाल ना सजकर घट स्थापना करके या छोटी प्रतिमा बनाकर ही परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है और मां की पूजा करने का आयोजन किया जा रहा है।
कोरोना के चलते इस वर्ष अहमदाबाद शहर सहित राज्यभर में दुर्गा पूजा के लिए विशेष प्रकार से सजने वाले पांडाल नहीं सजे हैं। मंजूरी नहीं मिलने के चलते आयोजकों ने इस वर्ष मां दुर्गा की इकोफ्रेंडली प्रतिमाएं भी नहीं बनाई हैं। वैसे दुर्गा पूजा से करीब एक से डेढ़ महीने पहले से ही विशेषरूप से कोलकाता से कारीगरों को बुलाकर न सिर्फ पांडाल सजवाया जाता था, बल्कि मां दुर्गा की इकोफ्रेंडली प्रतिमाएं भी बनवाते थे। इस वर्ष कोरोना के चलते कोलकाता से कारीगर नहीं बुलाए गए हैं।
वैसे पांडाल में न सिर्फ मां दुर्गा की महिषासुर का वध करने वाली मां की सिंह पर सवारी वाले दृश्य को दर्शाती बड़ी प्रतिमा सुशोभित होती है, बल्कि मां सरस्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणपति और माता लक्ष्मी की प्रतिमाएं भी होती हैं, जिनकी महाषष्ठी से लेकर विजयादशमी तक पूजा अर्चना होती है। कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।अहमदाबाद के चांदखेडा, साबरमती, एयरपोर्ट, मणिनगर, घाटलोडिया, राजपथ क्लब इलाके सहित कई इलाकों में दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। इस वर्ष ज्यादातर जगहों पर पांडाल ना सजकर घट स्थापना करके या छोटी प्रतिमा बनाकर ही परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है और मां की पूजा करने का आयोजन किया जा रहा है।
४९ साल में पहली बार नहीं सजेगा पांडाल
अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में साबरमती रेलवे कोलोनी मैदान पर साबरमती बंगाली चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित होने वाली दुर्गा पूजा में ४९ साल में पहली बार पांडाल नहीं सजेगा। इस वर्ष ४९ वां साल है। पहली बार मूर्तियां नहीं बनवाई गई हैं। ट्रस्ट की ओर से प्रति वर्ष अलग अलग थीम पर पांडाल सजाया जाता है।
ट्रस्ट से जुड़े विश्वनाथ डे बताते हैं कि इस वर्ष सिर्फ माता जी की घट स्थापना की जाएगी। रेलवे कोलोनी में घट स्थापना करके उसे ट्रस्ट के वल्लभपार्क स्थित कार्यालय में लाया जाएगा। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा अर्चना की जाएगी। प्रतिमा नहीं बनवाई गई है।
अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में साबरमती रेलवे कोलोनी मैदान पर साबरमती बंगाली चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित होने वाली दुर्गा पूजा में ४९ साल में पहली बार पांडाल नहीं सजेगा। इस वर्ष ४९ वां साल है। पहली बार मूर्तियां नहीं बनवाई गई हैं। ट्रस्ट की ओर से प्रति वर्ष अलग अलग थीम पर पांडाल सजाया जाता है।
ट्रस्ट से जुड़े विश्वनाथ डे बताते हैं कि इस वर्ष सिर्फ माता जी की घट स्थापना की जाएगी। रेलवे कोलोनी में घट स्थापना करके उसे ट्रस्ट के वल्लभपार्क स्थित कार्यालय में लाया जाएगा। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा अर्चना की जाएगी। प्रतिमा नहीं बनवाई गई है।
सिर्फ घट स्थापना-पूजा अर्चना
चांदखेडा बंगाली कल्चरल एसोसिएशन से जुड़े आलोक बिश्वास ने बताया कि ओएनजीसी अवनि भवन के सामने स्थित परिसर में मां दुर्गा की प्रतिमा को नहीं बनवाया गया है। केवल घट स्थापना करके महा पष्ठी से दशहरा तक पूजा अर्चना की जाएगी। कोरोना के चलते मंजूरी नहीं होने से प्रतिमा नहीं बनवाई गई है।
चांदखेडा बंगाली कल्चरल एसोसिएशन से जुड़े आलोक बिश्वास ने बताया कि ओएनजीसी अवनि भवन के सामने स्थित परिसर में मां दुर्गा की प्रतिमा को नहीं बनवाया गया है। केवल घट स्थापना करके महा पष्ठी से दशहरा तक पूजा अर्चना की जाएगी। कोरोना के चलते मंजूरी नहीं होने से प्रतिमा नहीं बनवाई गई है।
छोटी प्रतिमा बनवाई, नहीं सजा पांडाल
मणिनगर में बंगाली सेवा समाज की ओर से गोर के कुए के पास एक पार्टी प्लॉट में दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। बड़ा पांडाल सजता था, लेकिन कोरोना के चलते इस वर्ष पांडाल नहीं सज रहा है। सिर्फ मां दुर्गा की छोटी सी प्रतिमा की स्थापना करके पूजा अर्चना की जाएगी। इलाके के मोन्टू गोस्वामी ने यह जानकारी दी।
मणिनगर में बंगाली सेवा समाज की ओर से गोर के कुए के पास एक पार्टी प्लॉट में दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। बड़ा पांडाल सजता था, लेकिन कोरोना के चलते इस वर्ष पांडाल नहीं सज रहा है। सिर्फ मां दुर्गा की छोटी सी प्रतिमा की स्थापना करके पूजा अर्चना की जाएगी। इलाके के मोन्टू गोस्वामी ने यह जानकारी दी।