scriptAhmedabad News मोबाइल के साथ सोते हैं ८४ फीसदी लोग, ५६ फीसदी खाते समय, २२ फीसदी शौचालय में भी करते हैं उपयोग | Ahmedabad, GNLU, Smartphone Privacy and security, mobile, addiction | Patrika News

Ahmedabad News मोबाइल के साथ सोते हैं ८४ फीसदी लोग, ५६ फीसदी खाते समय, २२ फीसदी शौचालय में भी करते हैं उपयोग

locationअहमदाबादPublished: Nov 10, 2019 10:39:22 pm

Ahmedabad, GNLU, Smart phone Privacy and security, seminar, Mobile phone, addiction, जीएनएलयू में स्मार्ट फोन प्राइवेसी एडं सिक्यूरिटी विषय पर सेमिनार में बोले विशेषज्ञ
 

Ahmedabad News मोबाइल के साथ सोते हैं ८४ फीसदी लोग, ५६ फीसदी खाते समय, २२ फीसदी शौचालय में भी करते हैं उपयोग

Ahmedabad News मोबाइल के साथ सोते हैं ८४ फीसदी लोग, ५६ फीसदी खाते समय, २२ फीसदी शौचालय में भी करते हैं उपयोग

अहमदाबाद. स्मार्ट मोबाइल फोन का अधिक उपयोग लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इसके चलते लोगों में सिरदर्द, बदन दर्द, अनिद्रा, जल्द गुस्सा आना, चिंता, थकान, आंखों में खिचाव, कान में समस्या हो रही है। विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इतना ही नहीं यह एक्सीडेंट का भी कारण बन रहा है। ध्यान एकत्रित करने में समस्या हो रही है।
यह कहना है मनोचिकित्सक एवं नशा मुक्ति विशेषज्ञ DR. Pradip Vaghasiya डॉ. प्रदीप वघासिया का। वे शनिवार को गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी GNLU (जीएनएलयू) में टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्मार्ट फोन प्राइवेसी एंड सिक्यूरिटी ‘ विषय पर आयोजित National seminar नेशनल सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सेमिनार में Trai ट्राई के एडवाइजर संजीव बंसल, साइबर एक्सपर्ट अरुण रामकृष्णन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उद्घाटन समारोह में जीएनएलयू के निदेशक डॉ. शांता कुमार भी उपस्थित थे।
डॉ. वघासिया ने कहा कि व्यक्ति फिलहाल दिन में औसतन तीन घंटे २४ मिनट मोबाइल फोन इंटरनेट का उपयोग करता है। औसतन दो घंटे ३१ मिनट सोशल मीडिया पर बिताता है। औसतन पांच घंटे दैनिक पीसी और टेबलेट पर इंटरनेट का उपयोग करता है। जागने के बाद दिन के १६ घंटे में हम १५० बार मोबाइल को चेक करते हैं। ६० फीसदी लोग गेम्स खेलने के लिए और मनोरंजन के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। ९० फीसदी लोग मैसेज मिलने के तीन मिनट में ही पढ़ लेते हंै। ९१ फीसदी युवा मोबाइल को अपनी हाथों की पहुंच में ही रखते हैं।
सोते, खाते समय भी उपयोग की गलत आदत
उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट बताती है कि ८४ फीसदी भारतीय लोग मोबाइल फोन को साथ में रखकर सोते हैं। ५६ फीसदी खाते समय, २२ फीसदी शौचालय के अंदर भी मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। १५ फीसदी ने तो माना कि वे जब वाहन चलाते हैं तब भी मैसेज करते हैं।
इन समस्याओं का हो रहे हैं शिकार
स्मार्ट फोन एडिक्शन के चलते ५१.५ फीसदी लोगों को सिरदर्द, ५०.८ फीसदी को गुस्सा ज्यादा आने की समस्या हो रही है। ४७.४ फीसदी ध्यान केन्द्रित करने में समस्या का अनुभव कर रहे हैं। ३४.७ फीसदी को चिंता सताने लगी है। ३६.६ फीसदी को आंखों में खिचाव की समस्या तो ३५.४ फीसदी को अनिद्रा की समस्या हो रही है। ३२.७ फीसदी थकान का अनुभव करते हैं, जबकि ३२ फीसदी को सिरदर्द, २० फीसदी खाना खाना ही भूल जाते हैं। ३८.५ फीसदी लोगों के शैक्षणिक प्रदर्शन कमजोर हो रहा है। १९ फीसदी को कान में समस्या हो रही है, जबकि १० फीसदी एक्सीडेंट हो रहे हैं। स्वास्थ्य के अलावा परिवार और कामकाज में भी समस्या होती है।
बचने को बरतें ये सावधानी
इससे बचने के लिए लोगों को मोबाइल फोन उपयोग का समय कम करना चाहिए। वाहन चलाते समय, बच्चों के साथ खेलते सम, खाना खाते समय, शौचालय जाते समय, बैठक करते समय स्मार्टफोन का उपयोग ना करें, बेड पर फोन लेकर ना सोएं तो समस्या से काफी राहत पा सकते हैं।
Ahmedabad News मोबाइल के साथ सोते हैं ८४ फीसदी लोग, ५६ फीसदी खाते समय, २२ फीसदी शौचालय में भी करते हैं उपयोग

ट्रेंडिंग वीडियो