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कोरोना को लेकर गुजरात सरकार बोली सुधर रही है स्थिति, हाईकोर्ट ने कहा सिर्फ चालान ही पर्याप्त नहीं

locationअहमदाबादPublished: Dec 01, 2020 08:46:52 pm

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कोरोना को लेकर गुजरात सरकार बोली सुधर रही है स्थिति, हाईकोर्ट ने कहा सिर्फ चालान ही पर्याप्त नहीं

कोरोना को लेकर गुजरात सरकार बोली सुधर रही है स्थिति, हाईकोर्ट ने कहा सिर्फ चालान ही पर्याप्त नहीं

अहमदाबाद. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के जानलेवा साबित होने के बीच मास्क पहने बिना पकड़े जाने वालों से कोविड केयर सेंटर में सेवा कराने के मामले को लेकर गुजरात सरकार ने मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया। राज्य सरकार ने कहा कि कोरोना के हालात सुधर रहे हैं। उम्मीद है जल्द ही सप्ताह में परिस्थिति बेहतर हो जाएगी।
इस पर खंडपीठ ने टिप्पणी की कि यह काफी अहम समय है। मास्क पहने बिना पकड़े जाने वाले लोगों को दंड के रूप में सिर्फ चालान करना ही काफी नहीं है। उनसे कोविड केयर सेंटर में सेवा कराने जैसा कड़ा और डर पैदा करने वाला दंड करना चाहिए जिसके लिए सरकार को ही किसी संस्था को इसकी पूरी जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ व न्यायाधीश जे बी पारडीवाला की खंडपीठ ने यह टिप्पणी मास्क के बिना पकड़े जाने वाले लोगों से कोविड केयर सेंटर में सेवा कराने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान की।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने खंडपीठ को बताया कि 108 एंबुलेंस सेवा और 104 सेवा को मिलने वाले फोन कॉल, अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या, मरीजों को दिए जाने वाले ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी को देखें तो बीते तीन दिनों में हालात सुधरे हैं। आगामी सोमवार तक स्थिति और बेहतर हो जाएगी। सरकार ने नियमों की कड़ाई से पालना के लिए हर चौराहे पर पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की है।
महाधिवक्ता ने कहा कि मास्क के बिना पकड़े जाने वाले लोगों से कोविड केयर सेंटरों में सेवा कराने का काम पहले से ही कोरोना संक्रमण को काबू करने में व्यस्त कर्मचारियों व सरकारी मशीनरी के लिए काफी बड़ा है। इसके अलावा सरकार इस निर्णय के क्रियान्वयन को लेकर नहीं बल्कि क्रियान्वयन के बाद की स्थिति को लेकर चिंतित है।
महाधिवक्ता ने कहा कि मानों एक चार रास्ते पर चार लोग बिना मास्क के पकड़े जाते है और उन्हें 10 दिनों तक कोविड केयर सेंटर में सेवा करने के लिए जाने को कहा जाता है। लेकिन यह भी देखना होगा कि इसमें से प्रत्येक व्यक्ति सेवा करने जा रहा है या नहीं। उनकी गतिविधि पर नजर रखनी होगी। इसके लिए ऐसे लोगों के घर का पता होना जरूरी है। फिर हमें ऐसे कोविड केयर सेंटर भी चिन्हित करने होंगे जहां इन्हें भेजा जाना है। इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत होगी। उसकी व्यवस्था करना फिलहाल की स्थिति में आसान नहीं है।
महाधिवक्ता के इस जवाब पर खंडपीठ ने कहा कि यह समय अहम है। यदि इस समय लोग ज्यादा जवाबदेह रहते हैं तो इससे काफी मदद मिलेगी। ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी के कई और भी कारण हो सकते हैं। इस समय का नियंत्रण आगामी दो से तीन सप्ताह में परिणाम देगा। सरकार को इसके लिए तौर तरीकों पर काम करने की जरूरत है। केवल चालान करना ही काफी नहीं है। इसके पीछे विचार है कि लोगों को कोविड केयर सेंटर में भेजकर सेवा कराने जैसे कड़े निर्णय करना और उसका डर दिखाना जरूरी है।
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