पहले अहमदाबाद, फिर सूरत और अब राजकोट में पिछले एक महीने में कोरोना का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। कोरोना से मरीजों के मौत के आंकड़े ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। सभी तरह के उपाय महामारी के आगे बौने साबित हो रहे हैं। महामारी की जद में चिकित्सकों के बड़ी संख्या में आने से स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती प्रतीत हो रही है।
आईएमए की राजकोट ईकाई के प्रमुख डॉ. जय धीरवाणी ने बताया कि राजकोट में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। मरीजों की मौत का आंकड़ा भी कम नहीं हो रहा है। इन सब के बीच एसोसिएशन से जुड़े 100 से अधिक चिकित्सक भी कोरोना महामारी से ग्रस्त हुए हैं। इनमें से कई चिकित्सकों का अस्पताल में इलाज चल रहा है तो कई चिकित्सक होम आइसोलेशन में हैं। सभी चिकित्सकों के शीघ्र स्वस्थ्य होने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं।
पहले ही चेताया था दो महीने पहले आईएमए ने मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई आदि शहरों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था। वहीं एक महीना पहले सूरत और डेढ महीना पहले अहमदाबाद को भी इसी प्रकार की चेतावनी दी थी। अब राजकोट की स्थिति बिगड़ते जा रही है। इस वजह से यहां अलर्ट जारी करना जरूरी बन गया है। इस अलर्ट के तहत सभी चिकित्सक छह फीट की दूरी मेंटेन करेंगे। हर दो घंटे पर हैंड सेनेटाइज, एन-95 मास्क व फेस शिल्ड पहनने, ओपीडी में मरीज को पूरी सावधानी के साथ अंदर आने देने समेत अन्य उपाय शामिल हैं।
सभी की जांच जरूरी आईएमए ने साफ निर्देश दिया है कि किसी भी बीमारी के लिए यदि कोई मरीज दाखिल होता है तो उसका कोरोना टेस्ट अनिवार्य रूप से किया जाए। चिकित्सक पीपीई किट जरूर पहने। हॉस्पिटल के अंदर भी मरीजों के साथ एक से अधिक संबंधी को प्रवेश नहीं करने दें, भीड़ इकट्ठा होने देने से रोके। ऑपरेशन से पहले होने वाले नाश्ता पार्टी को बंद कर दें। एसोसिएशन ने चिकित्सकों को खुद के भी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के उपाय देने पर जोर देना चाहिए।