यह योजना जब वर्ष 2009 में अटकी थी, तब उसे साकार करने के लिए रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया गया था, जो कि सर्वपक्षीय आंदोलन था। अब फिर से 11 साल बाद रोप-वे किराए के सवाल पर सर्वपक्षीय एकता बुलंद हुआ है।
रोपवे स्टॉप पर धरना देने से लेकर जब तक भाव कम नहीं हो, तब तक आंदोलन जारी रखने पर सहमति हुई। सदस्यों के मुताबिक दिवाली के दौरान पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर जेल भरो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। जूनागढ़ के स्थानीय विधायक भीखा जोशी ने कहा कि उन्होंने इस संबध में पत्र भी लिखा था।
जूनागढ के महापौर धीरू गोहेल ने भी रोप-वे के टिकट दरों में कमी करने की दरख्वास्त की थी। गिरनार गरीब और मध्यम वर्ग के श्रमिकों के लिए अंबाजी के दर्शन और आस्था का बड़ा केन्द्र है। जूनागढ सहकारी बैंक के चेयरमैन जेठाभाई पानेरा ने रोप -वे की टिकट दरों को घटाने को लेकर कमेटी बनाने की मंाग की। पूर्व सांसद नानजीभाई वेकरिया ने कहा कि सही दिशा में आंदोलन चलेगा तो परिणाम जरूर मिलेगा। टिकटों की दरें घटने से आम यात्रियों को फायदा पहुंचेगा। समस्त ब्रह्म युवा संगठन के संस्थापक जयदेव जोशी ने कहा कि अंतिम तक लड़ाई लड़ेंगे।