Ahmedabad News : 15 से ऑनलाइन शिक्षा बंद करने की चेतावनी
- विवाद भड़का : फीस नहीं तो शिक्षा नहीं
- फीस नहीं मिलने से निजी शिक्षा संस्थाओं की घोषणा
- संचालकों और अभिभावकों के बीच रस्साकशी कम नहीं हो रही

राजकोट. चालू वर्ष की शैक्षिणिक फीस में 25 फीसदी माफी की सरकार की घोषणा ने अभिभावकों और स्कूल संचालकों के बीच विवाद भड़का दिया है। निजी स्कूलों में फिलहाल ऑनलाइन शिक्षा पद्धति से पढ़ाया जा रहा है, लेकिन यदि स्कूल फीस जमा नहीं होती है तो स्कूल संचालक आगामी 15 दिसंबर से शिक्षा कार्य बंद कर देंगे। स्वनिर्भर स्कूल संचालक महामंडल ने सोमवार को पत्रकार परिषद में इसकी घोषणा की। राज्य सरकार ने सभी निजी स्कूल संचालकों को स्कूल फीस में 25 फीसदी राहत देने का आदेश जारी किया है, लेकिन इससे संचालकों और अभिभावकों के बीच रस्साकशी कम नहीं हो रही है। फीस को लेकर खींचतान के बीच संचालक महामंडल की घोषणा ने विवाद और भी भड़का दिया है। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि उनके लिए इस कठिन दौर में टिके रहने की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। गुजरात स्वनिर्भर शाला संचालक मंडल के उप प्रमुख जतिन भराड ने कहा कि उनके निर्णय में बड़ी संख्या में स्कूल संचालक जुड़ेंगे।
ऑनलाइन शिक्षा बंद करने पर मंडल दो फांड़
चार महीना पहले भी शाला संचालकों में फीस वसूलने के मुद्दे को लेकर दो फाड़ हो गया था। ऑनलाइन शिक्षा बंद करने के सवाल पर स्कूल संचालकों में एक राय नहीं थी। कोरोना महामारी के बीच निजी स्कूलों में विद्यार्थियों से स्कूल फीस वसूलने के विवाद के बीच राज्य के सबसे बड़े शाला संचालक मंडल ने ऑन लाइन शिक्षा बंद करने की घोषणा की थी। दूसरी ओर गुजरात राज्य शाला संचालक महामंडल ने स्पष्टता की थी कि ऑनलाइन शिक्षा बंद करने के संबंध में उन्होंने कोई निर्णय नहीं किया है। सरकार ने उस समय स्कूल खुलने तक फीस नहीं लेने का प्रस्ताव पारित किया था।
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