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Ahmedabad News : इगोराला गांव की मुस्लिम छात्रा सलमा ने संस्कृत में की पीएचडी

locationअहमदाबादPublished: Dec 06, 2020 03:29:48 pm

Submitted by:

Binod Pandey

संस्कृत से एमए में हासिल किया था स्वर्ण पदक
वेद, उपनिषद और पुराणों में दिए गए दृष्टांतों का किया उल्लेख
सलमा ने कहा-भाषा चुनने की हो स्वतंत्रता

Ahmedabad News : इगोराला गांव की मुस्लिम छात्रा सलमा ने संस्कृत में की पीएचडी

Ahmedabad News : इगोराला गांव की मुस्लिम छात्रा सलमा ने संस्कृत में की पीएचडी

रोहित सांघाणी

राजकोट. गुजरात विश्वविद्यालय में पढऩे वाली अमरेली जिले की लीलीया तहसील के छोटे से गांव इगोराला की मुस्लिम परिवार से आने वाले छात्रा ने संस्कृत में पीएचडी की है। सलमा ने शिष्य परंपरा विषय पर शोध किया। छात्रा की थेसीस का शीर्षक पूर्णनेशु निरुपिता शिक्षा पद्धति एक अध्ययन है। सलमा गुजरात विश्वविद्यालय की छात्रा थी। यहां अतुल उनागर के मार्गदर्शन में पीएचडी की डिग्री हासिल की। इससे पहले सलमा ने भावनगर विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय से एमए की पढ़ाई कर गोल्ड मेडल हासिल किया था। वर्ष 2017 में वह गुजरात विश्वविद्यालय के पीएचडी पढ़ाई से जुड़ी। इस दौरान वह तीन साल तक शोध किया। अब वह कॉलेज में शिक्षक बनकर ज्ञान की ज्योति प्रज्जवलित करना चाहती है।
Ahmedabad News : इगोराला गांव की मुस्लिम छात्रा सलमा ने संस्कृत में की पीएचडी
भारतीय ज्ञान परंपरा पर शोध
भारत की ज्ञान परंपरा को अपने शोध का विषय बनाते हुए सलमा ने वेद, उपनिषद और पुराणों में दिए गए धृष्टांतों का उल्लेख किया। उसने बताया कि जब वह स्कूल में थी, तब से उसे संस्कृत भाषा में विशेष रुचि थी। वेद और पुराण का अध्ययन करना उसे बहुत अच्छा लगता था। इसके बाद से ही उसने संस्कृत विषय में उच्च शिक्षा हासिल करने का निर्णय किया था।

सलमा ने बताया कि हिन्दू धार्मिक ग्रंथ संस्कृत में है, इसलिए इसे देवताओं की भाषा की मान्यता दी गई है। उसका मानना है कि भाषा को धर्म से जोडऩे की जगह विद्यार्थियों को यह स्वतंत्रता दी जानी चाहिए कि वह जिस भाषा में चाहे पढ़ाई करें। वह अपनी पसंद की भाषा का चयन कर सके। जब गुरु और शिष्य परंपरा थी तब विद्यार्थियों को यह सिखाया जाता था कि वह समाज के सभी लोगों का सम्मान करें। यह मूल तत्व आज की प्रणाली से गायब हो चुका है। सलमा ने कहा कि उसका मनना है कि अनिवार्य रूप से संस्कृत सिखाना चाहिए। उसे संस्कृत की शिक्षिका बनने की अभिलाषा है। उन्होंने आशा जताई कि सरकार ऐसी कोशिश करें जिससे संस्कृत भाषा आम जन तक पहुंच सके।
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