अहमदाबाद

Ahmedabad News : 4200 निवेशकों के साथ 60 करोड़ की ठगी का आरोप

आरोप के मुताबिक मंडली ने 4200 निवेशकों के करीब 60 करोड़ रुपए की ठगी की है। मंडली के चेयरमैन संजय दुधागरा, वाइस चेयरमैन गोपाल रैयाणी, मैनेजर विपुल रतिभाई वसोया आदि को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

अहमदाबादJan 03, 2021 / 01:25 am

Binod Pandey

Ahmedabad News : 4200 निवेशकों के साथ 60 करोड़ की ठगी का आरोप

राजकोट. शहर के ढेबर रोड पर स्थित रामेश्वर शराफी सहकारी मंडली पर निवेशकों के रुपए हजम करने का आरोप लगा है। मामले में पीडि़त ने मंडली के पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
जानकारी के अनुसार पीडि़त संजय सोजित्रा ने प्राथमिकी में बताया है कि उसने अपनी बचत का 11 लाख रुपए 12 फीसदी सालाना ब्याज की दर पर श्री रामेश्वर शराफी सहकारी मंडली में निवेश किया था। इसके बाद दूसरे 18 लाख रुपए भी मंडली के पास अपने परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम से जमा कराए। इसके अलावा अन्य लोगों में संजय, नीलम, दक्ष, जीतू, जेन्ती, शिल्पा, जपीन, शुभम, कांता के 31.67 लाख रुपए भी निवेश किए गए। जून 2020 में फिक्स डिपॉजिट की रसीद के अनुसार जमा राशि पर ब्याज लेने के लिए मंडली के ऑफिस में चेयरमैन संजय दुधागरा के पास गया। संजय ने उन्हें रुपए नहीं दिए। बताया गया कि वह दो महीने बाद आकर रुपए ले जाए। दो महीने बाद जब पीडि़त मंडली के ऑफिस गया तो वहां ताला लगा था।
बाद में 28 अक्टूबर, 2020 को शिकायतकर्ता के बड़े भाई जीतू भी मंडली के ऑफिस में गया तो उस दौरान भी मंडली के संजय दुधागरा नहीं मिले। मैनेजर विपुल वसोया ने रुपए देने से इनकार कर दिया। बाद में कई दूसरे निवेशक भी मंडली के ऑफिस में रुपए लेने पहुंचे। जानकारी के अनुसार मंडली ने 16 निवेशकों के डेली बचत, मंथली बचत, एफडी आदि के रुपए नहीं लौटाए। खुद के साथ ठगी की आशंका में निवेशक ने पुलिस में शिकायत दी है। आरोप के मुताबिक मंडली ने 4200 निवेशकों के करीब 60 करोड़ रुपए की ठगी की है। मंडली के चेयरमैन संजय दुधागरा, वाइस चेयरमैन गोपाल रैयाणी, मैनेजर विपुल रतिभाई वसोया आदि को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जूनागढ़ में निवेशकों के 35.89 लाख रुपए लेकर पोस्ट एजेंट फरार

राजकोट. जूनागढ़ डाकघर की बचत योजना में एजेंट ने कई लोगों से करीब 35.89 लाख रुपए एकत्रित कर उसे जमा नहीं कराया। निवेशक भरत परमार ने बचत बुक लेकर डाकघर में इसकी जांच कराई तो यह नकली निकला। पीडि़त ने थाने मेें इसकी शिकायत दर्ज कराई है। आरोपी भरत परमार के पास एक हजार से निवेश हैं जो उसे हर महीने 300 से 500 रुपए डाकघर में जमा कराने के लिए देते थे। रुपए लेकर आरोपी उनके पासबुक में एंट्री कर देता था। करीब दो महीने पहले सहायक पोस्ट मास्टर ने इस गड़बड़ी की रिपोर्ट पोस्ट सुप्रिटेंडेंट को की थी, जिसके बाद सारी गड़बड़ी उजागर हुई। आरोपी पिछले 40 साल से डाकघर से जुड़कर लोगों के रुपए जमा कराता था। पुलिस ने आरोपी केे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की है।
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