Ahmadabad News : यह कैसी मजबूरी : माता-पिता ने दुलारे बेटे को सात हजार में बेचा
अहमदाबादPublished: Mar 06, 2021 12:02:18 am
अरवल्ली की घटना से लोग हतप्रभ : श्रमिक परिवार को कोरोना संक्रमण के दौरान काम नहीं मिलने की वजह से खाने को लाले पड़ गए। इस पर उसने अपने 10 वर्षीय बेटे को मोडासा के खंभीसर के समीप झोपड़ी में रहने वाले एक परिवार को सात हजार रुपए में बेच दिया।
Ahmadabad News : यह कैसी मजबूरी : माता-पिता ने दुलारे बेटे को सात हजार में बेचा
भिलोडा. कोराना संक्रमण के बाद बेरोजगार हुए लोगों की एक से बढ़कर एक मजबूरी सामने आई। इस विवशता ने लोगों को कई ऐसे काम करने के लिए मजबूर कर दिए जिसे उन्होंने कभी नहीं किया हो। कोई टेम्पो नहीं चलने पर लारियां चलाने लगा तो कोई नौकरी छिन जाने पर सड़क पर सब्जी आदि बेचने लगा। लेकिन, इन सबों से अलग एक माता-पिता ने तो हद पार कर दी और आर्थिक मजबूरी के चलते अपने जिगर के टुकड़े को महज सात हजार रुपए के लिए बेच दिया।
अरवल्ली जिले के मालपुर तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले श्रमिक परिवार को कोरोना संक्रमण के दौरान काम नहीं मिलने की वजह से खाने को लाले पड़ गए। इस पर उसने अपने 10 वर्षीय बेटे को मोडासा के खंभीसर के समीप झोपड़ी में रहने वाले एक परिवार को सात हजार रुपए में बेच दिया। इसके बाद बालक खंभीसर क्षेत्र में घूमता रहता, इसी दौरान एक जागरूक युवक को इस बच्चे पर शंका हुई तो उसने पूछताछ शुरू कर दी। बच्चे ने खुद के बेच दिए जाने की बात का खुलासा किया। युवक ने इसकी जानकारी अगम फाउंडेशन की हेतल पंडया को दी। फाउंडेशन के सदस्य मौके पर पहुंचे और बच्चे का रेस्क्यू कर उसे जिला बाल सुरक्षा विभाग को सौंप दिया। विभाग की मामले की तह तक जांच की तो और भी चौंकाने वाली बातें समाने आई। श्रमिक परिवार से बच्चा खरीदने वाले ने भी बच्चे पर रहम नहीं खाई और वह उससे कठिन श्रम करवाता था। बाद में विभाग ने बेचने वाले माता-पिता से सम्पर्क कर उसे बच्चे के बारे में जानकारी दी। फाउंडेशन की हेतल पंडया ने बताया कि बच्चे को स्वस्थ्य वातावरण और शिक्षा देने की व्यवस्था के संबंध में उपाय शुरू कर दिया गया है।