भावनगर जिले की तलाजा तहसील की अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर हैं। विशाल समुद्र का किनारा मिलने के बाद भी दूरदर्शिता के अभाव में विकास कोसो दूर दिखाई देता है। इसकेे बावजूद यहां के अधिकांश लोग खेती-बाड़ी कर जीविकोपार्जन करते हैं। तलाजा क्षेत्र में मुख्य फसल प्याज, मूंगफली, कपास है। इनमें प्याज बोने वाले लोगों की संख्या अधिक है। अनुमान के अनुसार करीब छह हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती की जाती है। औसत 1400 मन प्याज की उपज होती है। यदि दो सौ रुपए मन का भाव मिले तो करीब दो सौ करोड़ रुपए का प्याज यहां उपजता है। भावनगर जिले में सर्वाधिक प्याज तलाजा में होने के बावजूद यहां के यार्ड में वर्षों से प्याज की नीलामी नहीं होती है। विशेषज्ञों की माने तो प्याज की नीलामी नहीं होने के कारण यहां स्थानीय बाजार की अर्थव्यवस्था में सौ करोड़ रुपए का नुकसान होता है। यदि यहां प्याज की नीलामी शुरू हो जाए तो स्थानीय श्रमिकों को मजदूरी, ट्रांसपोर्टर को फायदा और किसानों को भी आर्थिक लाभ पहुंचेगा। तलाजा यार्ड में प्याज की नीलामी नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर किसान भावनगर और महुवा जाने को विवश होते हैं। सरकार की ढुलमुल निर्यात नीति के कारण प्याज का भाव कभी आसमान तो कभी जमीन पर आ जाता है।
अजितभाई परमार, तलाजा यार्ड के सचिव
भीमजीभाई पंडया, तलाजा यार्ड के प्रमुख