मामले में बताया गया कि थानगढ़ के नवागाम में रहने वाली रंजनबेन मीठापरा और उसकी बहन जीलूबेन डाभी दोनों साथ मिलकर घर का काम नहीं करने पर मासूम छह वर्ष की बच्ची पायल को मारती और फिर कमरे में बंद कर देती थी। उसे चिमटे से जख्मी कर दिया जाता। पायल कक्षा दूसरी में पढ़ती और दो भाइयों में अकेली बहन है। पिता का चार वर्ष पूर्व दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया था। राजकोट सिविल अस्पताल में इलाज करा रही पायल ने बताया कि वह घर में काम नहीं करती तो उसकी माता और मौसी अक्सर मारपीट करती। उसे पिछले सात महीने से कमरे में बंद कर दिया गया था। तीन समय उसे सूखी रोटी और पानी पीने को दिया जाता। पायल के ताऊ मंगाभाई ने बताया कि गुरुवार को एक प्रसंग में वह अपने छोटे भाई के घर गए थे। वहां पायल के बारे में पूछताछ की तो सारी हकीकत सामने आ गई। कमरे में बंद पायल को देखकर उनका हृदय कांप उठा।