जानकारी के अनुसार राजकोट के रैयारोड पर आलाप ग्रीनसिटी के सामने रहने वाले जयंतीलाल बेचरा ने तहसील पुलिस थाने में आरोपी के रूप में हाल में सूरत में रहने वाले फाइनांस कंपनी के निदेशक धनश्याम वल्लभ पांभर, उसकी पत्नी अस्मिता और पिता वल्लभ लालजी पांभर का नाम दर्ज कराया है। शिकायत में बताया गया है कि छह वर्ष पहले धनश्याम पांभर ने उसे निवेश करने पर हर महीने डेढ फीसदी ब्याज देने की बात कही।
जयंतीलाल ने कंपनी में 25 लाख का निवेश किया। उसके भाई विपुल बेचरा ने 18.50 लाख, संबंधी कमलेश माधवजी रामोलिया ने 1.17 करोड़, दिनेश फेफर ने 8 लाख और गिरीश बारैया के पास से 3.50 लाख रुपए का निवेश किया। वर्ष 2015 से 2019 तक मंडली संचालकों ने तय ब्याज की राशि निवेशकों को चुकाई। इसके बाद ब्याज देना बंद कर दिया। संचालकों ने मोबाइल फोन भी बंद कर दिए। दो साल तक राह ताकने के बाद कुछ दिन पूर्व जयंतीलाल मंडली के कार्यालय गए। यहां पता चला कि नए संचालक मंडल ने फाइनेंस कंपनी का काम संभाल लिया है। निवेश की राशि डूबने की आशंका में पीडि़तों ने पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। मामले में पुलिस ने आरोपी निदेशक वल्लभ पांभर को पकडऩे के लिए उसके गांव में छापेमारी की तो उसने जहरीली दवा पी कर जान देने की कोशिश की। फिलहाल उसे हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले में छानबीन में जुट गई है।