राजकोट. सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी में बुधवार को आयोजित सिंडिकेट की बैठक में करार आधारित प्रोफेसर की भर्ती, सिफारिश करने के मामले में भाजपा के सिंडिकेट सदस्यों ने मौन साध लिया। कांग्रेस के सिंडिकेट सदस्यों ने इस मामले में हंगामा किया। भाजपा के सिंडिकेट सदस्यों की संख्या अधिक होने से आवाज दब गई। दिवाली के बाद करार आधारित प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू करने का निर्णय बैठक में लिया गया। इसके लिए कमेटी गठित की गई है, सभी प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी।
बैठक में पेश प्रस्ताव पर चर्चा की गई। प्रस्ताव के अनुसार काउंसलिंग के अनुसार पाठ्यक्रम में वर्तमान में जो शिक्षक करार आधारित कार्यरत हैं, उन्हें सेवा वृद्धि दी जाए और सामान्य पाठ्यक्रम में कार्यरत शिक्षकों को सेवा विस्तार नहीं दिया जाए। इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन दिवाली के बाद कुछ फैसला लिया जा सकता है। सिंडिकेट बैठक में वे सदस्य भी हाजिर रहे जिन पर प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया में सिफारिश करने का आरोप लगा था। सिंडिकेट सदस्य प्रो. हरदेवसिंह जाडेजा ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर नितिन पैथाणी ने जब से प्रभार लिया है तब से यूनिवर्सिटी विवादों में रही है, प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले में भी सिफारिश के विवाद में कुलपति साक्षी रहे हैं इसलिए उन्होंने कुलपति से इस्तीफे की मांग की है।