भर्ती प्रक्रिया को लेकर कमिटी बनाई गई है। सभी प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। हालांकि इससे खर्च भी दो गुना हो जाएगा। बैठक में पेश प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इसके तहत काउंसलिंग के अनुसार पाठ्यक्रम में हाल में जो शिक्षक करार आधारित कार्यरत हैं, उन्हें सेवा वृद्धि दी जाए और जनरल पाठ्यक्रम में कार्यरत शिक्षकों को रीन्यू नहीं किया जाए। इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन दिवाली के बाद कुछ फैसला लिया जा सकता है। सिंडिकेट बैठक में वे सदस्य भी हाजिर रहे जिन पर प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया में सिफारिश करने का आरोप लगा था। इनमें मेहुल रूपाणी, नेहल शुक्ल, भरत रामानुज, भाविन कोठारी, महेश चौहाण आदि शामिल थे। इधर, सिंडिकेट सदस्य प्रो हरदेव सिंह जाडेजा ने कहा कि कुलपति प्रोफेशर नितिन पैथाणी ने जब से प्रभार लिया है तब से विश्वविद्यालय अक्सर विवाद में घिरा है। प्रोफेसरों की नियुक्ति मामले में भी सिफारिश के विवाद में कुलपति साक्षी रहे हैं। उन्होंने कुलपति से इस्तीफे की मांग की है।