अहमदाबाद. देशभर में वर्ष 2019 में सडक़ दुर्घटनाओं में हुई मौत के मामले में सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीड ( ज्यादा गति) रहा है। सड़क़ दुर्घटना के मामलों में सर्वाधिक मौत ओवर स्पीड से हुई ।
देश के 53 बड़े शहरों में से सबसे ज्यादा 691 लोगों की मौत बेंगलुरू में हुई। ओवर स्पीड से मौत के मामले में बैंगलूरू के बाद दूसरे स्थान पर चेन्नई रहा जहां 668 मौत हुई। इसके बाद दिल्ली 482 मौत के साथ तीसरे, अहमदाबाद 434 मौत के साथ चौथे तथा जयपुर पांचवे स्थान पर रहा। यह तथ्य राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2019 की नवीनतम रिपोर्ट में सामने आए हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार राजकोट (170) और श्रीनगर (45) में शत- प्रतिशत मौतों का कारण ओवर स्पीड रही। अहमदाबाद में 99 फीसदी (439 में से 434) जबकि कोटा में 97.8 फीसदी यानि 94 में से 92 की मौत ओवर स्पीड से हुई है।
ओवरटेक के चलते सबसे ज्यादा मौत कर्नाटक में
वर्ष 2019 में ओवरटेक के चलते सर्वाधिक 9314 मौतें कर्नाटक में हुईं। देश में ओवर स्पीड के चलते कुल 86241 लोगों की मौत हुई, जिनमें 10.8 फीसदी मौत कर्नाटक में हुई। इसके बाद तमिलनाडु में 10.2 फीसदी (8832) मौत हुई। महाराष्ट्र 7749 मौत के साथ तीसरे, मध्य प्रदेश 6669 मौत के साथ चौथे स्थान पर रहा।
गुजरात में 77 फीसदी की मौत
वर्ष 2019 में ओवरटेक के चलते सर्वाधिक 9314 मौतें कर्नाटक में हुईं। देश में ओवर स्पीड के चलते कुल 86241 लोगों की मौत हुई, जिनमें 10.8 फीसदी मौत कर्नाटक में हुई। इसके बाद तमिलनाडु में 10.2 फीसदी (8832) मौत हुई। महाराष्ट्र 7749 मौत के साथ तीसरे, मध्य प्रदेश 6669 मौत के साथ चौथे स्थान पर रहा।
गुजरात में 77 फीसदी की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में 77 फीसदी की मौत की वजह ओवर स्पीड है। जो वर्ष 2018 में 74.27 प्रतिशत थी। अहमदाबाद में जहां 99 फीसदी मौत (439 मौतों में से 434 लोगों की मौत) ओवर स्पीड के चलते हुई है। वडोदरा में यह आंकड़ा 97.4 फीसदी (158 लोगों की मौत में से 154) रहा जबकि सूरत में यह आंकड़ा 92.46 (292 लोगों में से 270 लोगों की मौत) रहा। राज्य में 5739 लोगों की मौत इससे हुई।
2018 की तुलना में ज्यादा लोगों ने गंवाई जान वर्ष 2018 में की तुलना में अहमदाबाद में ओवर स्पीड के चलते हुई मौतों के प्रतिशत में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2018 में अहमदाबाद में सडक़ दुर्घटना में हुई कुल 373 मौतों में से ओवर स्पीड के चलते 293 लोगों ने जान गंवाई थी। सूरत में 2018 के मुकाबले 2019 में ओवर स्पीड के चलते 9.24 प्रतिशत अधिक लोगों की मौत हुई है। यहां 2018 में 318 लोगों में से 271 की मौत ओवर स्पीड के चलते हुई थी। राजकोट में 2018 में भी शत प्रतिशत लोगों की मौत का कारण ओवर स्पीड रही। वडोदरा में वर्ष 2018 में 182 में से 180 लोगों की मौत की वजह ओवर स्पीड थी।
क्या कहते हैं ट्रैफिक अधिकारी वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में सडक़ दुर्घटनाओं में गिरावट आई है, इन दुर्घटनाओं में मौत की दर बढ़ी है। इसकी वजह लोगों को खुली सडक़ें मिलना है। खुली सडक़ों को देख ज्यादातर लोग गति सीमा का ध्यान नहीं रख रहे हैं। ओवर स्पीड के चलते मौत बढ़ रही हैं। इस पर और ध्यान दिया जाएगा साथ ही लोगों को जागरुक किया जाएगा।
-तेजस पटेल, पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक), अहमदाबाद वाहनों की इंजीनियरिंग पर विचार की जरूरत हमें वाहनों की इंजीनियरिंग पर फिर से विचार करने की जरूरत है। देश व गुजरात में विकास के चलते सडक़ें अच्छी बनी हैं, लेकिन उन्हें जितनी स्पीड के हिसाब से डिजाइन किया है उसकी तुलना में तेज गति और जल्द पिकअप पकडऩे वाले वाहनों की संख्या बढ़ी है। इस वजह से तत्काल ब्रेक मारने पर वाहनों के पलटने और दुर्घटना की संख्या बढ़ रही है।
-अमित खत्री, रोड सेफ्टी एक्सपर्ट, अहमदाबाद
शहर सडक़ दुर्घटना में कुल मौत ओवर स्पीड मौत
बेंगलुरू 768 691
चेन्नई 1252 668
दिल्ली 1400 482
अहमदाबाद 439 434
जयपुर 721 389
शहर सडक़ दुर्घटना में कुल मौत ओवर स्पीड मौत
बेंगलुरू 768 691
चेन्नई 1252 668
दिल्ली 1400 482
अहमदाबाद 439 434
जयपुर 721 389