scriptAhmedabad जेल के बाहर भजिया तल कर बेचते हैं कैदी, खाने वालों की लगती है कतार | Ahmedabad people like bhajiya of Sabarmati jail inmates | Patrika News

Ahmedabad जेल के बाहर भजिया तल कर बेचते हैं कैदी, खाने वालों की लगती है कतार

locationअहमदाबादPublished: Aug 11, 2022 09:21:58 pm

Ahmedabad people like bhajiya of Sabarmati jail inmates साबरमती सेन्ट्रल जेल के भजिया के कायल हैं अहमदाबादी, हर दिन होती है 12-15 हजार तक की बिक्री

Ahmedabad जेल के बाहर भजिया तल कर बेचते हैं कैदी, खाने वालों की लगती है कतार

Ahmedabad जेल के बाहर भजिया तल कर बेचते हैं कैदी, खाने वालों की लगती है कतार

नगेन्द्र सिंह

Ahmedabad. अक्सर आपने कैदियों को जेल की चारदीवारी के अंदर या फिर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच कोर्ट में आते-जाते ही देखा होगा। जेल के बाहर दुकान में खड़े होकर कैदी को भजिया तलते और उसे बेचते हुए शायद ही कहीं देखा होगा, लेकिन अहमदाबाद में ऐसा नजारा देखने को मिलता है। यहां जेल से एक किलोमीटर दूरी पर सुभाष ब्रिज चार रास्ते पर स्थित जेल भजिया हाउस में न सिर्फ कैदी भजिया तलते हुए दिखाई देंगे बल्कि उन्हें बेचते भी नजर आएंगे। कैदी होते हैं फिर भी यहां पुलिस का पहरा नहीं होता है, क्योंकि सालों तक इनका व्यवहार, हुनर देखकर ही इन्हें जेल से बाहर निकालकर यह मौका दिया जाता है। कैदियों के बनाए भजिया इतने स्वादिष्ट होते हैं कि अहमदाबाद ही नहीं बल्कि गुजरात भर के लोग इसके स्वाद के कायल हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन्हें खाने के लिए लोगों को कतार लगानी पड़ती है। Ahmedabad में कैदी की ओर से भजिया बनाने की शुरूआत वर्ष 1998 से Sabarmati jail के चंदू प्रजापति नामक कैदी ने की थी। सजा पूरी होने पर वह जेल से रिहा हो गया। तीन वर्ष पहले मौत हो गई, लेकिन उन्होंने भजिया बनाने के जो गुर साथी कैदियों को सिखाए थे अब अन्य कैदी उसे आगे बढ़ा रहे हैं। करीब 50 कैदियों को भजिया बनाना आता है। हर महीने 10-10 लोगों की टीम भजिया हाऊस पर काम करती है।

कोरोना काल में आई गिरावट, अब तेजी
Sabarmati jail के फैक्ट्री मैनेजर ए एस परमार ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते भजिया की बिक्री में गिरावट आई थी। लेकिन अब जैसे-जैसे परिस्थिति सामान्य हो रही है। बिक्री भी रफ्तार पकड़ रही है।

एक वर्ष में बिकता 50 लाख तक का भजिया
Ahmedabad के अलावा वडोदरा, राजकोट, सूरत में जेल के कैदियों की ओर से बनाए जाने वाले भजिया की बिक्री की जा रही है। अहमदाबाद में साल में औसतन 45-50 लाख और राज्य में 75 लाख से एक करोड़ रुपए तक के भजिया बिकते हैं। भजिया के अलावा बेकरी, फरसाण, फर्नीचर, चादर-तौलिया, खादी सहित कैदियों के बनाए 72 उत्पादों की बिक्री की जाती है। साल में कैदियों के बनाए 8-10 करोड़ रुपए तक के उत्पाद बिकते हैं।

गुणवत्ता से समझौता नहीं
बीते 17 सालों से Jail Bhajiya House में भजिया बनाने वाले कैदी जगदीश सोलंकी बताते हैं कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाता। मूंगफली के शुद्ध तेल में इसे तला जाता है। अन्य कैदी जेकाभाई ठाकोर बताते हैं कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि भजिया में तय मात्रा में मैथी, बेसन और मिर्च मिली हो। उसे बहुत ज्यादा गर्म तेल में नहीं तलते हैं।

Ahmedabad जेल के बाहर भजिया तल कर बेचते हैं कैदी, खाने वालों की लगती है कतार
आज भी स्वाद वैसा ही
जेल भजिया हाउस में भजिया खाने आए निकोल निवासी गणपत ठाकोर बताते हैं कि वे सालों से साबरमती जेल के भजिया खा रहे हैं। आज भी स्वाद जस का तस है। वे जब भी निकोल से इस इलाके के आसपास तक आते हैं तो यहां आकर भजिया खाना नहीं भूलते।


Ahmedabad जेल के बाहर भजिया तल कर बेचते हैं कैदी, खाने वालों की लगती है कतार
बाजार से करीब आधी कीमत
अभी हर दिन 12-15 हजार रुपए के भजिया बिकते हैं। इसमें सबसे ज्यादा मेथी के भजिया होते हैं। इसके अलावा आलू के भजिया भी होते हैं। कोरोना काल से पहले हर दिन 20 हजार व उससे ज्यादा के भजिया की बिक्री होती थी। फिलहाल 200 रुपए प्रति किलोग्राम कीमत पर भजिया को बेचा जा रहा है। जबकि बाजार में भजिया की कीमत 350 रुपए से 400 के बीच है।
-ईशूभा सोलंकी, प्रभारी, जेल भजिया हाउस अहमदाबाद
https://www.dailymotion.com/embed/video/x8czjlp
गुजरात में 8 साल बिके इतने के भजिया

वर्ष- बिक्री (राशि रुपए में)

2014-15- 1.10 करोड़
2015-16- 91 लाख
2016-17- 97.42 लाख
2017-18- 95.57 लाख
2018-19- 71 लाख
2019-20- 1.10 करोड़
2020-21- 45 लाख
2021-22- 76 लाख
(स्त्रोत: गुजरात प्रिजन कार्यालय: अहमदाबाद,वडोदरा, सूरत, राजकोट जेल के आंकड़े )
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो