अभी जरूरत से 25-40 गुणा लग जाता है पानी हर्ष बताते हैं कि अभी किसान फल और सब्जियों में फसल की जरूरत से 25 से 40 गुणा ज्यादा पानी और खाद लगा देते हैं, क्योंकि उन्हें अंदाजा ही नहीं होता है। इसका असर फसल की पैदावार पर होता है। कई बार फसल विफल भी हो जाती है। ज्यादा खाद और पानी देने के चलते पैदावार कम होती है। बिजली बिल बढ़ता है और पानी भी बेजा खर्च होता है।
25 फीसदी लागत कम, 15 फीसदी पैदावार बढ़ाने का दावा ज्यादा खाद, पानी देना रोककर ही फसल की करीब 20 से 25 फीसदी लागत कम कर सकते हैं। ये सेंसर पैदावार बढ़ाने के लिए खेत का आकार नहीं बल्कि फल, सब्जी के पेड़, पौधों की संख्या के आधार पर पानी और खाद की जरूरत पता कर उसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित कराते हैं। इससे करीब 10 से 15 फीसदी पैदावार बढ़ाई जा सकती है।
इसरो-आईएआरआई की भी मिली मदद इस सेंसर को विकसित करने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अहमदाबाद और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई)दिल्ली की भी मदद मिली है। दोनों ही संस्थानों ने उनके शूल उपकरण को प्रमाणित किया है और इसे विकसित व डिजाइन करने में मददरूप भी हुए हैं।
कृषि विवि शोध के लिए अपना रहे हैं उपकरण यह उपकरण गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, उडीसा, दिल्ली सरीखे राज्यों में सरकारें अपना रही है। साथ ही कृषि विश्वविद्यालय शोध व पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में इस उपकरण का उपयोग कर रहे हैं।