scriptजीयू के पूर्व प्रोफेसर ने पत्नी के साथ की आत्महत्या | Ahmedabad, Suicide, Former professor and his wife, Gujarat university, | Patrika News

जीयू के पूर्व प्रोफेसर ने पत्नी के साथ की आत्महत्या

locationअहमदाबादPublished: Sep 23, 2021 09:45:11 pm

Ahmedabad, Suicide, Former professor and his wife, Gujarat university, satellite police station, -सुसाइड नोट मिला, बीमारी से परेशान होकर उठाया कदम

जीयू के पूर्व प्रोफेसर ने पत्नी के साथ की आत्महत्या

जीयू के पूर्व प्रोफेसर ने पत्नी के साथ की आत्महत्या

अहमदाबाद. शहर के सेटेलाइट थाना इलाके में गुजरात विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर के पत्नी के साथ आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें बीमारी से परेशान होकर यह कदम उठाने की बात लिखी गई है।
पुलिस के अनुसार माणेकबाग सोसायटी में रहने वाले डॉ. योगेन्द्र व्यास (81) ने पत्नी अंजना व्यास के साथ सेटेलाइट की सरस्वती हाऊङ्क्षसग सोसायटी स्थित पुराने मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छह अक्टूबर 1940 को अहमदाबाद में जन्मे डॉ.योगेन्द्र व्यास को किडनी की बीमारी थी जबकि पत्नी अंजनाबेन कैंसर से पीडि़त थीं। लंबे समय से इलाज चल रहा था। नियमित योग, प्राणायाम भी करते थे। लेकिन फायदा नहीं होने के चलते उन्होंने यह कदम उठा लिया। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उन्होंने बीमारी से परेशान होकर यह कदम उठाने की बात लिखी है।
इलाके की सहायक पुलिस आयुक्त दिव्या रविया ने बताया कि घटना का पता गुरुवार सुबह चला। आत्महत्या का कारण बीमारी होने की बात सामने आ रही है। सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें भी उसका उल्लेख है। जिस मकान में आत्महत्या की है। वह उनका पुराना मकान था और बंद रहता था। वह माणेकबाग स्थित मकान में बेटे के साथ रहते थे। बेटा चिकित्सक है।
भाषा भवन के रहे निदेशक
डॉ. योगेन्द्र व्यास गुजरात विश्वविद्यालय के भाषा भवन के निदेशक भी रह चुके हैं। वे उससे पहले सुरेन्द्रनगर की महिला कॉलेज और अहमदाबाद की सरसपुर आट्र्स-कॉसर्म कॉलेज के प्राचार्य भी रहे। 1965 में पूना की डेक्कन कॉलेज और 73-74 तक अहमदाबाद की बीएम इंस्टीट्यूट में विजिटिंग प्राध्यापक के रूप में भी कार्यरत रहे। 1983 में यूजीसी के सहयोग से जीयू की ओर से शुरू किए गए शॉर्ट टर्म इंस्टीट्यूट इन लिंग्विस्टिक्स के निदेशक भी रहे। व्याकरण, बोलीविज्ञान, भाषा शिक्षा, शैली विज्ञान और समाज भाषआ विज्ञान के क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने इन विषयों में 50 से ज्यादा शोध कीं। एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं। 1974, 76 और 77 में प्रकाशित उनकी पुस्तकों को राज्य सरकार ने श्रेष्ठ पुस्तक का अवार्ड भीप्रदान किया। 77 में भाईकाका अंतर यूनिवर्सिटी शोध पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। वे जीयू के राज्यपाल की ओर से नियुक्त सीनेट सदस्य भी रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो