अहमदाबाद

Ahmedabad : देश में दो लाख नेत्रों की जरूरत, दान में मिलते हैं 70 हजार

पिछले वर्ष दान में गुजरात को मिले 5441 नेत्र, नेत्र दान और अंधत्व निराकरण में गुजरात की स्थिति बेहतर, नेत्रदान दिवस पर विशेष
Ahmedabad: Two lakh eyes are needed in the country, 70 thousand are available in donation

अहमदाबादJun 09, 2023 / 11:22 pm

Omprakash Sharma

Ahmedabad : देश में दो लाख नेत्रों की जरूरत, दान में मिलते हैं 70 हजार

अहमदाबाद . देश में प्रतिवर्ष दो लाख नेत्रों की जरूरत की तुलना में 70 हजार नेत्र दान में मिलते हैं। राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के मामले में वर्ष 2022-23 में देश में गुजरात प्रथम नंबर रहा है पिछले वर्ष राज्य में दान के रूप में 5441 नेत्र मिले।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल के मुताबिक राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत गुजरात में एक वर्ष में मोतियाबिंद के 1.26 लाख के ऑपरेशन का लक्ष्य था। इसकी तुलना में 6.25 लाख से अधिक ऑपरेशन किए गए। किसी एक राज्य में यह सबसे अधिक ऑपरेशन हैं।उन्होंने कहा कि देश के औसत की तुलना में गुजरात में नेत्रदान की स्थिति बेहतर है। देश में जरूरत के मुकाबले 35 फीसदी नेत्र दान में मिलते हैं जबकि गुजरात में यह प्रतिशत 50 से 55 फीसदी है। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं दृष्टिबाधित नियंत्रण कार्यक्रम के परिणाम के आधार पर यह कहा जा सकता है कि राज्य की दृष्टिहीनता दर 0.9 प्रतिशत से से घटकर 0.3 फीसदी रह गई है। 2025 तक इसे 2.5 फीसदी तक ले जाने का लक्क्ष्य है।
गुजरात में 33 नेत्र बैंक

राज्य में हाल में ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन एक्ट (एचओटीए) के तहत 33 नेत्र बैंक हैं। जबकि 66 नेत्रदान केन्द्र एवं 6 नेत्र प्रत्यारोपण केन्द्र कार्यरत हैं। विगत तीन वर्षों में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत 174 ऑप्टोमेट्रिस्ट को नेत्र स्वीकारने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
नई तकनीक से एक व्यक्ति के दान से 4 लोगों को मिल सकेगी रोशनीदान में प्राप्त नेत्रों की गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से गुजरात सरकार की ओर से हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) वेब पोर्टल स्थापित किया जा रहा है। इस मामले में भी गुजरात प्रथम स्थान पर है। राज्य सरकार की यह नई पहल है। राज्य के सभी नेत्रदान केंद्रों, नेत्र बैंकों और नेत्र प्रत्यारोपण केंद्रों को इसमें शामिल किया जाएगा और नेत्रदान से लेकर नेत्र प्रत्यारोपण तक रियल टाइम ट्रैकिंग की जाएगी। इस तकनीक से एक व्यक्ति की दृष्टि को 3 से 4 लोगों तक रोशनी मिल सकेगी।
जागरूकता बढ़ी और और भी जरूरतगुजरात में अंग दान के साथ नेत्रों के दान को लेकर भी जागरूकता बढ़ी है। हालांकि इस संबंध में और जागरूकता की जरूरत है। सिविल अस्पताल से लेकर राज्य के अन्य अस्पतालों में भी ब्रेन डेड दाताओं की ओर से अंगदान किया जा रहा है।
डॉ. सोमेश अग्रवाल, सरकारी नेत्र अस्पताल

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