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डिप्लोमा से डिग्री पाठ्यक्रमों में 10 फीसदी सीटें घटीं

locationअहमदाबादPublished: May 18, 2019 10:16:08 pm

डीटूडी इंजीनियरिंग, फार्मेसी के अलावा लेटरल एंट्री एमसीए में भी अब 20 की जगह 10 फीसदी सीटें ही होंगी उपलब्ध
 

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डिप्लोमा से डिग्री पाठ्यक्रमों में 10 फीसदी सीटें घटीं

अहमदाबाद. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने अगले जून महीने में शुरू होने जा रहे नए शैक्षणिक वर्ष से डिप्लोमा धारकों के लिए डिग्री पाठ्यक्रमों (ड़ी टू डी) में आरक्षित सीटों में 10 प्रतिशत तक की कमी करने का निर्णय किया है।
इसके अलावा एमसीए लेटरल एंट्री में भी 10 फीसदी सीटें घटा दी गई हैं। जून-२०१९ से राज्य में डिप्लोमा से डिग्री इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम, डिप्लोमा से डिग्री फार्मेसी पाठ्यक्रम और एमसीए लेटरल एंट्री कोर्स में 20 प्रतिशत की जगह 10 प्रतिशत सीटें ही उपलब्ध होंगीं।
एआईसीटीई के इस निर्णय की मुख्य वजह तकनीकी शिक्षा से जुड़े सीटों के बड़ी संख्या में रिक्त रहने को बताया जा रहा है। इसके अलावा डिग्री इंजीनियरिंग, फार्मेसी और एमसीए के प्रथम वर्ष में भी बड़ी संख्या में सीटें रिक्त रहती हैं।
डीटूडी इंजीनियरिंग कोर्स के तहत डिप्लोमा इंजीनियरिंग धारकों को डिग्री इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में सीधे द्वितीय वर्ष में प्रवेश मिलता है।
इसी प्रकार से डीटूडी फार्मेसी में, डिप्लोमा फार्मेसी धारक विद्यार्थियों के लिए इस कोर्स के तहत डिग्री फार्मेसी पाठ्यक्रम में सीधे द्वितीय वर्ष में प्रवेश मिलता है।
एमसीए लेटरल एंट्री के तहत बीसीए, बीएससी कंप्यूटर एवं बीएससी आईटी कोर्स ५० प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को सीएमेट के आधार पर एमसीए के दूसरे वर्ष में सीधे प्रवेश दिया जाता है।
जून-१९ शैक्षणिक सत्र से अमल

व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रवेश समिति (एसीपीसी) के सदस्य सचिव डॉ. जी.पी.वडोदरिया ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एआईसीटीई की ओर से लिए गए इस नीतिगत निर्णय का अमल जून-2019 से शुरू हो जाएगा। जिसके तहत डीटूडी इंजीनियरिंग, डीटूडी फार्मेसी एवं एमसीए लेटरल एंट्री व ऐसे सभी कोर्सों में 20 प्रतिशत सीटों की जगह कुल सीटों की 10 प्रतिशत सीटें ही उपलब्ध रहेंगीं। इसके अलावा जून-२०१८ में प्रथम वर्ष में रिक्त रहीं सीटें भी उपलब्ध होंगीं।
बीते वर्ष इतनी सीटें रह गई थीं खाली
एसीपीसी सूत्रों के अनुसार बीते वर्ष २०१८-१९ में डीटूडी डिग्री इंजीनियरिंग कोर्स की बात करें तो कुल सीटों की 20 प्रतिशत सीटें एवं उसके साथ वर्ष २०१७-१८ में पहले वर्ष में खाली रहीं सीटों सहित कुल 41 हजार से अधिक सीटें खाली थीं। उसमें प्रवेश के लिए महज 72 सौ ही सीटें भरीं। करीब 33 हजार से अधिक सीटें रिक्त रही थीं।
-डीटूडी फार्मेसी कोर्स के तहत 69 कॉलेजों में 1431 सीटें उपलब्ध थीं, जिसमें सिर्फ 78 सीटें ही भरी थीं। सिर्फ 119 आवेदन मिले थे और 1353 सीटें खाली रही थीं।
-एमसीए लेटरल एंट्री कोर्स के तहत ६५ कॉलेजों में करीब ६१३६ सीटें उपलब्ध थीं, इसमें केवल ८३३ सीटें ही भरी गईं, जबकि ५३०० सीटें रिक्त रह गईं।
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