इसे विकसित करने वाले छात्र सत्यजीत का ये मानना है कि नई एल्गोरिदम तकनीक से ऐसी पैटर्न जनरेट होती है, जिसकी बदौलत सिलिकॉन तकनीक से बनने वाली इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) चिप से और भी ज्यादा हाई रेज्यूलेशन वाले डाटा को संग्रहित और कन्वर्ट कर सकते हैं।
इसके परिणाम स्वरूप क्रिटिकल हाईस्पीड एप्लीकेशन जैसे कि स्पेश और डिफेंस टेक्नोलॉजी (अवकाश और रक्षा तकनीक) में उपयोगी सिलिकॉन डाटा कन्वर्टर्स की लीनिएरिटी को मैक्सिमाइज किया (बढ़ाया) जा सकता है। इस तकनीक के बदौलत सेटेलाइट से लिए जाने वाली हाई रिजोल्यूशन इन्फ्रारेड इमेज में काफी इम्प्रूवमेंट आ सकता है।
अगर बात करें डिफेंस के क्षेत्र में तो डिफेंस के क्षेत्र में लड़ाकू विमानों के बीच होने वाली आपसी बातचीत को और भी ज्यादा गुप्त रखने में मदद मिलेगी क्योंकि उसको गुप्त रखने में उपयोग में लिए जाने वाली खूबी इस तकनीक से पाई जा सकती है, जो अभी सॉफ्टवेयर डिफाइन रेडियो टेक्नोलॉजी (एसडीआर) के जरिए डिफेंस एयर क्राफ्ट के लिए हमें बाहरी देशों से खरीदनी पड़ी है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत ने इजराइल से 400 एयर क्राफ्ट के लिए ये एसडीआर तकनीक को संभवत: खरीदा है।
अब तक इसलिए ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं बना पा रहे थे क्योंकि सिलिकॉन पर फैब्रिकेशन की क्षमता आवश्यकता के अनुरूप नहीं थी। नए शोध के जरिए अब क्षमता को काफी बढ़ाया जा सकेगा। इससे 20 बिट उससे ज्यादा के डाटा को भी कन्वर्ट किया जा सकेगा और शत-प्रतिशत लिनिएरिटी मिलेगी।