अहमदाबाद में 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोड शो के दौरान पीएम कार्यालय के उप सचिव मंगेश धिलदयाल ने राजकोट का दौरा किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट एम्स, हवाई अड्डे और लाइट हाउस की समीक्षा की थी। इन तीनों प्रोजेक्ट को द्रुत गति से पूरा करने के लिए कहा गया। संभवत: अगस्त में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली उड़ान से हीरासर हवाई अड्डे पर आएंगे। हवाई अड्डे के कार्यरत होने से पहले डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीआई) की मंजूरी की जटिल प्रक्रिया के मद्देनजर हवाई अड्डा प्रोजेक्ट दो महीने पहले पूरा करने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। डेडलाइन मिलने के साथ ही ठेकेदार फर्म अपने सभी काम शीघ्र पूरा करने में जुट गए हैं। पहले फेज का काम करीब 670 करोड़ रुपए का है। अगस्त तक प्रोजेक्ट पूरा करने का समय तय किया गया था।
मास्टर प्लान पर भी गहन चिंतन
पीएम कार्यालय के निर्देश के बाद हवाई अड्डे का कार्य जून में पूरा करने संबंधी आदेश दिया गया है। ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के काम को शीघ्र पूरा करने के लिए हवाई अड्डा प्राधिकरण के योजना सदस्य अनिल पाठक, प्रोजेक्ट इंजीनियर लोकनाथ पांडे, कलक्टर अरुण महेश बाबू और सुरेन्द्रनगर जिला कलक्टर केयूर संपट समेत अन्य अधिकारी बैठक में शामिल हुए। अब तक हुए काम का निरीक्षण करने के लिए साइट विजिट की गई। अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। अधिकारियों ने विभिन्न फेज के तहत हो रहे काम के मास्टर प्लान पर भी गहन चिंतन किया।
देश के टॉप 10 हवाई अड्डे में स्थान
राजकोट के अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे को देश के टॉप 10 हवाईअड्डे में स्थान दिया गया है। अधिकांश काम पूरा हो गया है। यह अहमदाबाद और मुंबई से भी बड़ा होगा। हीरासर हवाई अड्डे का रनवे 3040 मीटर लंबा होगा, चौड़ाई 45 मीटर होगी। यात्रियों को विमान में चढऩे और उतरने के लिए 3.54 लाख मीटर के क्षेत्र की सुविधा दी गई है। इसके समानांतर टैैक्सी ट्रैक तीन लिंक से जोड़ा जाएगा। इसका काम पूरा हो चुका है। हवाईअड्डे के चारों ओर 27 किलोमीटर की दीवार का काम भी पूरा हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 250 से अधिक इंजीनियर और 2000 से अधिक श्रमिक लगे हैं। साइट पर 100 से अधिक डम्पर और 250 से अधिक चालक काम में जुटे हैं।
राजकोट के अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे को देश के टॉप 10 हवाईअड्डे में स्थान दिया गया है। अधिकांश काम पूरा हो गया है। यह अहमदाबाद और मुंबई से भी बड़ा होगा। हीरासर हवाई अड्डे का रनवे 3040 मीटर लंबा होगा, चौड़ाई 45 मीटर होगी। यात्रियों को विमान में चढऩे और उतरने के लिए 3.54 लाख मीटर के क्षेत्र की सुविधा दी गई है। इसके समानांतर टैैक्सी ट्रैक तीन लिंक से जोड़ा जाएगा। इसका काम पूरा हो चुका है। हवाईअड्डे के चारों ओर 27 किलोमीटर की दीवार का काम भी पूरा हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 250 से अधिक इंजीनियर और 2000 से अधिक श्रमिक लगे हैं। साइट पर 100 से अधिक डम्पर और 250 से अधिक चालक काम में जुटे हैं।